सिंध की रेत, लाल मुरम, गिट्टी को लेकर भाजपाईयों में जबरदस्त गुटवाजी, आने वाले समय में भाजपा के लिये बन सकती है मुसीवत - Kolaras



कोलारस - एक समय पिछोर विधानसभा पत्थर उत्खनन के मामले में जिले में सर्वाधिक दिखाई देती थी उसके बाद करैरा विधानसभा में भी सिंध से रेत को लेकर जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों तक पर उंगली उठती रही है पिछोर एवं करैरा के बाद इन दिनों कोलारस विधानसभा अवैध उत्खनन के मामले में शिवपुरी जिले में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बनी हुई है उसका सबसे बड़ा कारण भाजपा का एक धड़ा अवैध उत्खनन के मामले में सक्रिय है जिसके चलते भाजपा के कई नेताओं में नाराजगी है और नाराजगी स्वभाविक भी है क्योंकि विधानसभा चुनाव से लेकर लोकसभा के चुनावों में भाजपा के लगभग सभी कार्यकर्ताओं एवं जनप्रतिनिधियों ने दिल खोलकर मेहनत की और लाभ चंद लोग उठा रहे है जिसके चलते भाजपा के ही करीब 90 प्रतिशत कार्यकर्ताओं में मायूसी है और यही नाराज कार्यकर्ता भाजपा के लिये आने वाले समय में मुसीवत पैदा कर सकते है।



सिंध से रेत का अवैध उत्खनन -  कोलारस विधानसभा क्षेत्र की जीवन दायनी नदी माने जाने वाली सिंध नदी पर पानी रोकने के लिये स्टॉप डैम का निर्माण किया गया किन्तु रेत माफियाओं को पैसे कमाने के लिये इस बार गर्मी आने से पूर्व ही सिंध पर बने स्टॉप डैमों के गेट खोल दिये गये जिसके चलते नल कूप सूख जाने के कारण पानी की विकराल समस्या पैदा हुई यह एक अलग विषय है मूल विषय की बात करें तो रेत माफियाओं को लाभ पहुंचाने के लिये सिंध नदी पर बने स्टॉप डैम के गेट समय से पहले खोले गये जिसके चलते करीब 06 माह के दौरान रेत माफियाओं ने लाखो ट्रॉली रेत का अवैध उत्खनन करते हुये रेत विक्रय की और हजारों ट्रॉली रेत का अवैध भण्डारण किया यहां तक भी चल जायेगा किन्तु रेत उत्खनन के चलते करोड़ों रूपयें की रॉयल्टी चोरी करने के साथ - साथ चंद भाजपाईयों के ट्रेक्टर अवैध उत्खनन करते रहे जिसके चलते कुछ दिनों पूर्व लुकवासा में भाजपा के ही दो नेताओं में रेत उत्खनन को लेकर भिडंत हो गई देखने में यह आ रहा है कि चंद भाजपा नेताओं के लाभ प्राप्त होने से भाजपा के 90 प्रतिशत से भी अधिक कार्यकर्ताओं में रेत उत्खनन को लेकर नाराजगी है विधायक से लेकर सांसद, प्रदेश से लेकर केन्द्र में भाजपा की सरकार होने के कारण भाजपाई अंदर ही अंदर खून का घूट पी रहे है आने वाले समय में यहीं भाजपाई विभिषण की भूमिका में नजर आ सकते है। 



लाल मुरम के उत्खनन को लेकर जबरदस्त विरोध - कोलारस विधानसभा क्षेत्र में पड़ोरा सहित खतौरा एवं बेरखेड़ी से लेकर सनवारा तथा राई क्षेत्र के कई ग्रामों में लाल मुरम की खदानें मौजूद है जहां से प्रतिदिन हजारों ट्रॉली लाल मुरम का अवैध उत्खनन जारी है जिसमें पड़ोरा लालमुरम को लेकर एक ही समाज के लोगो में अवैध उत्खनन का विरोध जारी है तो वहीं रिन्हाय पंचायत से लगे हुये गांवों में भी लाल मुरम के उत्खन्न को लेकर यादव समाज के अंदर से ही विरोध के स्वर निकल रहे है कोलारस विधानसभा क्षेत्र में कहीं सिंध के रेत माफिया सक्रिय है तो कहीं लाल मुरम के माफिया कुल मिलाकर रेत के अवैध उत्खनन से चंद भाजपाईयों को लाभ मिलने के कारण भाजपा के अन्य कार्यकर्ता इस समय जयचंद की मुद्रा में दिखाई दे रहे है क्योंकि लाभ चंद लोगो को मिल रहा है जिसके चलते शेष लोगो में नाराजगी होना भी स्वभाविक है इस समय कोलारस विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस रसातल में दिखाई दे रही है जिसके चलते विरोध न होने के कारण प्रशासन अपना उल्लू सीधा करने में दिखाई दे रहा है और चंद लोगो को लाभ मिलने के कारण भाजपाईयों में भी गुटवाजी साफ - साफ दिखाई दे रही है। 



गिट्टी क्रेशरों पर अवैध खुदाई को लेकर भाजपाईयों में खीचतान - कोलारस विधानसभा क्षेत्र के ही बामौर से लेकर आस पास के कुछ गांवों में काले पत्थर से काली गिट्टी बनाने के लिये क्रेसरों का संचालन हो रहा है वर्तमान में लगभग अधिकांश क्रेशर संचालक भाजपा के ही दिखाई दे रहे है यदि काले पत्थर निकाले की बात करे तो कोलारस के बामौर में ही लीज से 100 गुना अधिक वन, राजस्व, पट्टे की भूमि में से क्रेशर माफिया काले पत्थर को निकालकर गिट्टी बनाने के व्यापार में जुटे हुये है गिट्टी माफियाओं में अधिकांश भाजपा को ही बिलोम करते है और चंद क्रेशरों पर प्रशासन की कार्यवाही तथा शेष अवैध उत्खनन करने वाले क्रेसर संचालकों को अभय देने के कारण अवैध रूप से काले पत्थर से गिट्टी बनाने वाले क्रेशर संचालकों में ही विरोध के स्वर दिखाई दे रहे है जोकि अधिकांश क्रेशर संचालक भाजपा नेताओं को गालियां देते हुये दिखाई दे रहे है वह आने वाले समय में भाजपा के लिये ही मुसिवत खड़ी कर सकते है। 


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