पिपरई के निकट ग्राम खोकसी में संगीतमय सुमधुर
शिवपुरी - श्रीमद्भागवत सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है,जिसमे उज्जैन से पधारे पं. रामचन्द्र शास्त्री के मुखारविंद से ग्रामवासी कथामृत का पान कर रहे है,विगत दिवस श्रीमद्भागवत के दौरान भगवान शिव का विवाह धूमधाम से सम्पन्न हुआ तथा श्री कृष्ण जन्म का प्रसङ्ग रहा,समस्त ग्रामवासियों द्वारा उल्लास पूर्वक भगवान श्री कृष्ण जन्म की बधाई दी पुष्पवर्षा करके आनंद उमंग से भगवान श्री कृष्ण के जयकारे लगाए।
इस अवसर पर पं. रामचन्द्र शास्त्री द्वारा मातृ-पितृ भक्ति के महत्व को बतलाया गया शास्त्री ने माता पिता की सेवा को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि दुनिया मे सभी धर्मों व कर्मो में माता पिता की सेवा सर्वश्रेष्ठ कर्म है हमे इन जीवित देवी देवता की सेवा का पुण्य नही छोड़ना चाहिए बड़े सौभाग्य से जीवन मे माता पिता की सेवा प्राप्त होती है,उन्होंने गौमाता की वर्तमान दशा पर।चिता व्यक्त।करते हुए कहा कि आज हम जो ऋतु परिवर्तन व प्रकृति का असंतुलन देख रहे है यह सब गौ माता की उपेक्षा व अपने पर्यावरण के प्रति हमारे दुर्व्यवहार के कारण है।
हम सभी को अपने राष्ट्र के प्रति समर्पित भाव से कार्य करते हुए माता-पिता गौ माता व पर्यावरण के प्रति सेवा भाव से रहना चाहिए।