शिवपुरी - श्री ठाकुर वावा धाम मंदिर हाथीखाना पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तृतीय दिवस मैं नरसिंह अवतार, ध्रूव चरित्र, सती चरित्र की कथाओं का श्रवण हुआ।
कथा व्यास वालयोगी पंडित वासुदेव नंदिनी भार्गव ने संगीत मय भक्ति मय प्रसंग सुनाते हुए कहा कि कोई भी कार्य हमारे द्वारा ऐसा हो जिसे हम ठाकुर जी को समर्पित कर सके।
भक्ति के लिए कुछ अलग से प्रयत्न नहीं करना पड़ता बस अपने स्वभाव अपने स्वरूप को ऐसा बनाना है जिससे भगवान प्रसन्न हो जाए।
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