शनीचरी अमावस्या पर काले तिल का करें दान - Shivpuri


चैत्र मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या शनिवार के दिन पड़ने से इस दिन को शनिचरी अमावस्या के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन गंगा, गोमती व चक्रतीर्थ समेत अन्य पवित्र नदियों में स्नान के बाद दान करने से विशेष फल प्राप्त होता है। इस दिन पितरों का तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करने से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है। शनिचरी अमावस्या के संयोग से इस दिन शनि और शनि की प्रिय वस्तुओं का दान करने से शनि भगवान की कृपा प्राप्त होती है।

चैत्र मास की शनि अमावस्या 28 मार्च को रात 7:55 बजे शुरू होगी। 29 मार्च शाम को 4:27 बजे इसका समापन होगा। उदया तिथि में चैत्र की शनि अमावस्या 29 मार्च को मनाई जाएगी। सचिन शास्त्री ने बताया कि शनि अमावस्या पर एक पात्र में सरसों का तेल लेकर उसमें अपने चेहरे की छाया देखने के बाद इसका दान करने से व्यक्ति के तमाम कष्टों, शारीरिक पीड़ा से छुटकारा मिलता है। जल में काले तिल मिलाकर पीपल के पेड़ में चढ़ाने और काले तिल का दान करने से बिगड़े काम बनने लगेंगे। सरसों का तेल, उड़द की दाल, कंबल, लोहा का दान करने से शनि की कृपा प्राप्त होगी। उन्होंने बताया कि ऐसा करने से कभी धन की कमी नहीं रहती और पितरों का आशीर्वाद मिलता है।

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