प्रेम राज की स्थापना के लिए राम प्रकट हुये, ज्ञान भक्ति वैराग्य जहां हो वहां भटकाव नहीं - पं वासुदेव नंदिनी भार्गव - Kolaras



कोलारस - कोलारस अनुविभाग के सेसई सड़क मैं रैया सरकार हनुमान जी मंदिर पर चल रही श्रीराम चरित मानस मैं वालयोगी पंडित सुश्री बासुदेव नंदिनी जी भार्गव ने भगवान श्रीराम जी के वन गमन की कथा का श्रवण कराया उन्होंने कहा कि वनवास तो राम जी को दिया गया किंतु साथ मै जानकी और लक्ष्मण भी चल दिए यदि आध्यात्मिक दृष्टि से देखा जाए तो राम जी ज्ञान है लक्ष्मण वैराग्य है और जानकी मैया भक्ति है जिसके जीवन में इन तीनों का मिश्रण होता है, वह कैसे भी निर्झर वन में चला जाए भटकता नहीं है।

श्री राम के बनवास की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि राम के वनवास जाने के अनेक हेतु है, इसमें दोष केकई को नहीं है कि उसने राम जी को वनवास दिया, अपितु धन्य हैं कैकई तो, जिन्होंने कृपा की और राम को  केवल अयोध्या का राजा नहीं बनाया वल्कि जन जन के राजा राम के रुप में प्रकीर्तित किया राम जी केवल महलों में रहने के लिए थोड़ी प्रकट हुए थे वे प्रेम राज्य की स्थापना करने के लिए आए थे वनवास में गंगा के तट पर श्रंगवेगपुर में भगवान ने निषाद को अपने गले से लगाया पास बैठाया  राज्य के सर्वोच्च व्यक्ति ने राज्य के सबसे कमजोर व्यक्ति को साथ बैठाकर प्रेम राज का उद्घाटन किया।

Post a Comment

Previous Post Next Post

संपर्क फ़ॉर्म