शिवपुरी - राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर से बी.एस.सी. कृषि चतुर्थ वर्ष के छात्रों द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र, शिवपुरी के समन्वय में शिवपुरी जिले की फसल विविधता, जलवायु अनुकूलता एवं मृदा और मौसम की संभावनाओं के साथ-साथ जिले में चल रहे कृषि उद्यमों एवं नये स्टार्टअप शुरू होने की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए ग्वालियर दुग्ध संघ के मिल्क चिलिंग प्लांट, सुदाना पशु आहार संयंत्र, कृषि अभियांत्रिकी, बीज उत्पादन में जिले की अग्रणी संस्था हरदौल एग्रीकल्चर मार्केटिंग प्रोड्यूसर कंपनी, बीज एवं फार्म विकास निगम मनियर एवं प्रगतिशील कृषकों के प्रक्षेत्रों पर भी विगत दिनों भ्रमण किया।
कृषि अभियांत्रिकी से कस्टम हायरिंग सेवाएं, बीज उत्पादन एवं स्वावलंबन, संतुलित पशु आहार निर्माण, दूध शीतगृह, भदावरी भैंस संरक्षण संवर्धन, भेड़ एवं बकरी का व्यावायिक पालन एवं उद्यमिता दृष्टिकोण से भ्रमण करते हुए वहां के विशेषज्ञों एवं प्रभारियों से विस्तार से जानकारी के साथ व्यावहारिक गतिविधियों को भी जाना जिससे कृषि छात्र आत्म निर्भरता एवं नये स्टार्टअप की संभावनाएं भी तलाश करते हुए वोकल फॉर लोकल ब्राण्ड के साथ अपने शिक्षा ज्ञान को सेवा और व्यावसायिक क्षेत्र में उपयोग कर सकें।
कृषि विज्ञान केन्द्र, शिवपुरी के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. पुनीत कुमार के निर्देशन में यह भ्रमण केन्द्र के रावे कार्यक्रम प्रभारी डॉ. एम. के. भार्गव एवं सह रावे प्रभारी डॉ. नीरज कुमार कुशवाहा के समन्वय में जिले के विभिन्न संस्थाओं में कराया गया। भ्रमण एवं अध्ययन के दौरान हैम्पको से लोकेन्द्र सिंह, मनीष त्यागी, मदन शर्मा, कृषि अभियांत्रिकी से भगवान सिंह नरवरिया, इंजीनियर अंकित सेन, दुग्ध संघ से सुनील शर्मा, भेड़ प्रक्षेत्र पडोरा से डॉ. एस. के. एस. धाकड, उपसंचालक, पशु चिकित्सक डॉ. नितिन गुप्ता एवं अन्य संबंधित विशेषज्ञों की सहभागिता रही। कृषि छात्रों ने भी शैक्षणिक ज्ञान के साथ कृषि और कृषि से संबंधित विभागों एवं प्रगतिशील कृषकों के अनुभवों का लाभ लेते हुए अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया और अपने ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव एवं एग्रो इंडस्ट्री अटेचमेंट कार्यक्रम को 24 जनवरी 2025 को पूर्ण किया। इस अध्ययन एवं भ्रमण को शिवपुरी जिले में सफल और जीवन के लिए बहुत ही उपयोगी बतलाया।
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