देह व्यापार कराने के लिए रुपये लेती थी 'पुलिस', मसाज पार्लर के मालिक का खुलासा, दो पर गिरी गाज - Gwalior



ग्वालियर में मसाज पार्लर की आड़ में देह व्यापार का धंधा चलाने वालों ने पुलिस की पोल खोल दी है। पार्लर के आरोपी मैनेजर ने खुलासा किया है कि थाने का हवलदार उससे हर महीने 15 हजार रुपए की वसूली करता था। उसे पैसा थमाकर वह बेफिक्र हो जाते थे कि पुलिस उनके धंधे की तरफ आंख उठाकर नहीं देखेगी। इसी कारण पार्लर के अलावा होटल और दूसरे ठिकानों पर भी लड़कियों की सप्लाई का काम शुरू किया गया था। देह कारोबार के धंधे में पुलिस की सांठगांठ सामने आने पर एसपी धर्मवीर सिंह यादव ने हवलदार को सस्पेंड और विश्वविद्यालय थाना प्रभारी को लाइन हाजिर किया है।

दरअसल, विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के पटेल नगर सिटी सेंटर में "द हीलिंग हैंड मसाज थैरेपी" के नाम से चल रहे मसाज पार्लर पर दो दिन पहले पुलिस ने देह व्यापार का कारोबार पकड़ा था। पार्लर में घुसने से पहले पुलिस ने एक पंटर ग्राहक भेजकर युवती से बातचीत करवाई थी। दबिश में पार्लर के अंदर छह युवतियां, ग्राहक जितेंद्र राजपूत और संकेत बंसल के अलावा पार्लर का मालिक प्रीतेश चौरसिया निवासी मॉडल टाउन और मैनेजर देवेंद्र शर्मा निवासी दहीसर मुंबई को गिरफ्तार किया गया।

प्रीतेश और देवेंद्र ने पूछताछ में खुलासा किया कि मसाज का काम तो सिर्फ दिखावा था। असली धंधा वेश्यावृत्ति का था और इसी से कमाई होती थी। पार्लर खुलने के कुछ दिन बाद ही विश्वविद्यालय थाने के हवलदार मनोज शर्मा ने आकर हफ्ता वसूली तय की थी। मनोज बीट प्रभारी होने का हवाला देकर हर महीने 15 हजार रुपये ले जाता था और कोई कार्रवाई नहीं होने का भरोसा देता था। इसी दम पर बेफिक्र होकर देह व्यापार का कारोबार चल रहा था।

जांच में सही पाया 

देह कारोबारियों से हवलदार मनोज शर्मा की सांठगांठ को एएसपी श्रीकृष्ण लालचंदानी ने जांच में सही पाया है। इसमें विश्वविद्यालय टीआई उपेंद्र छारी की भूमिका भी संदिग्ध मानी गई है। एएसपी लालचंदानी ने जांच रिपोर्ट एसपी यादव को पेश की थी। इस आधार पर एसपी यादव ने हवलदार मनोज शर्मा को सस्पेंड करने और टीआई छारी को लाइन भेजने के आदेश जारी किए। साथ ही विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

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