मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर बुधवार को 10 करोड़ के करीब श्रृद्धालुओं के कुम्भ स्नान का अनुमान, माघ पूर्णिमा तक रहेगी अपार भीड़



देश के प्रयागराज में महाकुम्भ बीते 15 दिनों से जारी है प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रृद्धालु त्रिवेणी संगम तट पर पहुंचकर स्नान कर धर्म लाभ प्राप्त कर रहे है इलाहवाद के प्रयागराज में चल रहे महाकुम्भ का आयोजन आगामी 26 फरवरी महाशिवरात्रि तक जारी रहेगा महाकुम्भ का बुधवार को शाही स्नान मौनी अमावष्या 29 जनवरी को है इस दिन देश विदेश के करीब 10 करोड़ श्रृद्धालुओं के कुम्भ में पहुंचे का अनुमान है मौनी अमावष्या के दिन प्रयागराज तट पर पहुंचकर मौन धारण कर स्नान ध्यान एवं पितृों को पिंड दान करने से पितृों को मोक्ष प्राप्त होता है प्रयागराज महाकुम्भ में महाभीड़ से बचने के लिये लोगो को आगामी 12 फरवरी तक दूरी बनाये रखना चाहिये क्योंकि मौनी अमावष्या के बाद 03 फरवरी को बसंत पर्व उसके बाद 05 फरवरी को प्रधानमंत्री का स्नान तथा आगामी 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा स्नान के चलते अपार भीड़ रहने का अनुमान है जो लोग कुम्भ की भीड़ से बचना चाहते है उन्हें 12 फरवरी माघ पूर्णिमा के बाद कुम्भ स्नान करने के लिये जाना चाहिये बुधवार को मौनी अमावष्या पर स्नान करने के लिये देश विदेश से करोड़ों की संख्या में श्रृद्धालु प्रयागराज कुम्भ पहुंच चुके है जोकि बुधवार की सुबह से लेकर मध्य रात्रि तक मौन धारण कर स्नान, ध्यान, दान पुण्य के साथ पितृों को तर्पण करेंगे। 

मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त 

29 जनवरी को मौनी अमावस्या का पर्व है और इस दिन प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में स्नान का विशेष महत्व होता है। इस समय लोग प्रयागराज के संगम तट पर पवित्र डुबकी लगाने के लिए लगातार यात्रा कर रहे हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार 29 जनवरी 2025 को अमृत स्नान के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 25 मिनट से लेकर 6 बजकर 18 मिनट तक है। इस शुभ मुहूर्त में लोग गंगा में स्नान करके पुण्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।  


मौनी अमावस्या पर स्नान का महत्व

सनातन धर्म में गंगा को सर्वाधिक पवित्र नदी माना गया है। साथ ही यह भी माना गया है कि, मौनी अमावस्या के दिन गंगा का जल अमृत समान होता है। इस दिन गंगा में स्नान मात्र से साधक को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मृत्यु के बाद साधक जन्म-मरण के बंधन से मुक्त होकर मोक्ष की प्राप्ति करता है। इसी कारण मौनी अमावस्या को गंगा स्नान के लिए एक उत्तम दिन माना गया है।

अमृत स्नान का समय (Mauni Amavasya Snan Shubh Muhurat)

इस बार मौनी अमावस्या के दिन श्रवण नक्षत्र और उत्तराषाढा नक्षत्र रहने वाला है। ऐसे में इन दोनों ही नक्षत्र में गंगा नदी में स्नान करने से साधक को अक्षय फलों की प्राप्ति हो सकती है। ऐसे में इन शुभ मुहूर्त का समय कुछ इस प्रकार रहने वाला है -

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