मंगलवार को मकर संक्रांति महापर्व के साथ कैलधार कपिल मुनि मंदिर पर विशाल भण्डारा आयोजित, मंकर संक्रांति महापर्व का पर्व काल सुबह करीब 09 बजे से होगा प्रारम्भ - Kolaras





कोलारस - कोलारस परगने की ग्राम पंचायत टुडयावद के पास स्थित कैलधार भगवान कपिल मुनि मंदिर आश्रम पर बीते सात दिनों से श्रीमद् भागवत महापुराण का आयोजन समस्त ग्राम वासियों के जन सहयोग से बीेते सात दिनों से जारी था जिसका समापन सोमवार को हो चुका है प्रतिदिन हजारों की संख्या मेें भक्तगणों ने महाप्रसादी ग्रहण की मंगलवार को मकर संक्रांति महापर्व के दिन कैलधार कपिल मुनि मंदिर आश्रम पर सुबह से लेकर देर शाम विशाल भण्डारे का आयोजन रखा गया है जिसमें लुकवासा क्षेत्र के करीब आधा सैंकड़ा से भी अधिक गांवों से हजारों की संख्या में भक्तगण भगवान कपिल मुनि के दर्शन करने आयेंगे इस दौरान भक्तगण महाप्रसादी का भी लाभ लेंगे करीब आधा दर्जन से भी अधिक ग्रामीण क्षेत्र के लोगो ने श्रीमद भागवत कथा का रस पान स्वामी श्रीकेशवा आचार्य जी महाराज के श्रीमुख से ग्रहण किया जोकि बीते कई वर्षो से चली आ रही परम्परा का क्रम निरंतर जारी है जन सहयोग से सभी सातों दिन भण्डारे आयोजित किये गये मकर संक्रांति के महापर्व एवं कैलधार मेले के साथ हजारों भक्तगण मंगलवार को दर्शन लाभ के साथ महाप्रसादी का आनंद लेंगे।



मकर राशि में  सूर्यदेव सुबह 08,56पर प्रवेश करगे

पर्व काल सुबह 08,56से सूर्यास्त तक  है

निर्णय  सागर  पंचांग अनुसार  


जिन प्रांतो में  भुवन विजय,हृषिकेश पंचाग  की मान्यता है उन क्षेत्रो  में  दिन में  03,37से सूर्यास्त तक स्नान दान का पर्व है मकर संक्रांति पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं 

वाहन व्याघ्र है उप वाहन अश्व है

अथ मकर संक्रान्ति प्रतिफलम् - श्रीमन्नृपति विक्रमार्क २०८१ शाके १९४६ एवं श्री कालयुक-सिद्धार्थी नामके संवत्सरे रवि सौम्यायने-शिशिर ऋतौ माघ मासे कृष्ण पक्षे १ भौमवासरे ४६ घटी ३६ पल पुनर्वसु नक्षत्रे ०६ घटी ५४ पल विष्कुंभ योगे ४८ घटी ३८ पल बालव करणे २० घटी ०६ पल दिनमान २६ यही १६ पवार पंचांग शुद्धवत्र दिनेष्टः घटिका ०३ पल ३२ प्रातः काले मकरराशौ सूर्य संक्रमणं स्यात् तदा देवानां रात्र्युद्गमः अस्य पुण्यकालः धर्म शास्त्रीय वचनानुगते अद्यैत्र भौमवासरे प्रातः वेलातः सूर्यास्तपर्यन्तः शुभपुण्यप्रदः ।


* वाहनादि प्रकार विषाये वार नाम महोदरी-तस्कर, लोभी-प्रलोभी, प्रवंचक, धूर्तः चौर्यकर्मशील, संग्राहक, ठग पक्ष हेतु


दिशापथ सूचक शुभ फलद। नक्षत्र नाम महोदरी-तस्कर ठग, चौर्यकर्मशील, प्रवंचक, धूर्त, संग्राहक, ठग, लोभी-प्रलोभी, स्टाकिस्ट वर्ग हेतु मनोत्साहवर्धक सुखद फलद। दिवा १ याम व्यापिनी शिक्षक, लेखक, व्याख्याता राष्ट्रीय विकास, सेनापति, आरक्षी नायक, सुरक्षा अधिकारी, गुप्तचर विभाग पद विशेष पर प्रभारक कष्टद। दक्षिणे गमन, वायव्यां दृष्टि, बालव करणे, वाहन-व्याघ्र, उपवाहन अश्व, पीतवस्त्र, गदायुध, रजतपात्र, पायस भक्षण, कुंकुमलेपन, भूतजाति, जातिपुष्प, कंकण भूषण, पर्ण कंचुकी, कुमार्यावस्था, उपविष्टा, मुहूर्त-४५, धान्य-गल्ला स्थिर सम भाव, सोना, चांदी, चना, तुवर, हल्दी, सरसों, दाना मैथी, केसर, चंदन, रोली, चाय, तम्बाकू, सौंठ, गरम मसाला, सुगंधी पदार्थ उन्नत धारणा। वासनिवास रवि संक्रमण, कुम्हार गति दक्ष। उत्पति उद्योग में, जन सुविधा अभिलक्ष।। किसी राशि पर संक्रमण करे भौम दिन सूर। तेल, नमक, रस, घी सहित, तेजी होय कपूर। इतीदं मकर संक्रमणं फलाशय सूत्रं पंचांगे निर्णयसागरे नीमच नगरस्थे ।। शुभं भूयात् सर्वदा श्रीरस्तु - विविध कल्याणमस्तु - सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वेसंतु निरामया:।


इस वर्ष मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी 2025, मंगलवार के दिन मनाया जाएगा - पंडित रामस्वरूप शर्मा

मकर संक्रांति सूर्य की उपासना का पर्व है। इस दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं और सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करने पर खरमास की भी समाप्ति हो जाती है और सभी मांगलिक कार्य पुनः शुरू हो जाते हैं। पुराणों के अनुसार मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरायण होते हैं और ऐसे शुभ संयोग में मकर संक्रांति पर स्नान, दान, मंत्र जप और सूर्य उपासना से अन्य दिनों में किए गए दान-धर्म से अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है!

आइए जानते हैं मकर संक्रांति का पुण्य और महापुण्य काल समय-: 


पुण्य काल‌ का समय-: 

  14 जनवरी 2025, मंगलवार,

        सुबह 08:40 से 12:30तक|  


महा-पुण्य काल का समय-: 

14 जनवरी 2025, मंगलवार,

     सुबह 08:40 से 09:04तक| 

 •अभिजीत मुहूर्त-: 

     दोपहर12:09 से 12:50 तक|

पुण्य-महापुण्य काल का महत्व-: 

* मकर संक्रांति पर पुण्य और महापुण्य काल का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन से स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं. मकर संक्रांति के पुण्य और महापुण्य काल में गंगा स्नान, सूर्योपासना, दान, मंत्र जप करने व्यक्ति के जन्मों के पाप धुल जाते है//

▪️स्नान-: 

* मकर सक्रांति वाले दिन सबसे पहले प्रातः किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए, यदि यह संभव ना हो सके तो अपने नहाने के जल में थोड़ा गंगाजल डालकर स्नान किया जा सकता है//

▪️सूर्योपासना-: 

* प्रातः स्नान के बाद उगते हुए सूर्य नारायण को तांबे के पात्र में जल, गुड, लाल पुष्प, गुलाब की पत्तियां, कुमकुम, अक्षत आदि मिलाकर जल अर्पित करना चाहिए//

▪️मंत्र जप-: 

* सूर्य उपासना के बाद में कुछ देर आसन पर बैठकर मंत्र, नाम जप, श्री गीता के पाठ इत्यादि करने चाहिए और अपने इष्ट देवी- देवताओं की भी उपासना करनी चाहिए//

▪️गाय के लिए दान-: 

* पूजा उपासना से उठने के बाद गाय के लिए कुछ दान अवश्य निकालना चाहिए, जैसे- गुड, चारा इत्यादि//

▪️पितरों को भी करे याद-: 

* इस दिन अपने पूर्वजों को प्रणाम करना ना भूलें, उनके निमित्त भी कुछ दान अवश्य निकालें। इस दिन पितरों को तर्पण करना भी शुभ होता है। इससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है//

▪️गरीब व जरूरतमंदों के लिए दान-: 

* इस दिन गरीब व जरूरतमंदों को जूते, चप्पल, (चप्पल- जूते चमड़े के नहीं होने चाहिए) अन्न, तिल, गुड़, चावल, मूंग, गेहूं, वस्त्र, कंबल, का दान करें। ऐसा करने से शनि और सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है//

 ▪️श्री हनुमान जी की करें उपासना-: 

* इस वर्ष मकर संक्रांति मंगलवार के दिन पड़ रही है अतः श्री हनुमान जी की पूजा- उपासना करें, श्री हनुमान जी के सिंदूर का चोला अर्पित करने से हनुमान जी की कृपा भी बनी रहेगी//

▪️परंपराओं का भी रखें ध्यान-:

* मकर सक्रांति का त्यौहार मनाने में अलग-अलग क्षेत्रों में अलग- अलग परंपराएं हैं, अतः आप अपनी परंपराओं का भी ध्यान रखें। अर्थात अपने क्षेत्रीय रीति-रिवाजों के अनुसार मकर संक्रांति का त्यौहार मनाना चाहिए//

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