शिवपुरी - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना पर मध्य प्रदेश, राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच मंगलवार को जयपुर में अनुबंध सहमति पत्र (मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट) हस्ताक्षरित हुआ इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि मध्य प्रदेश और राजस्थान के लिए यह एक ऐतिहासिक दिन है प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से यह परियोजना 20 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद मूर्त रूप ले रही है मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आधुनिक युग के भागीरथ की तरह उन्होंने राजस्थान और मध्य प्रदेश को इस परियोजना के माध्यम से विकास की अदभुत सौगात दी है मध्य प्रदेश के चंबल और मालवा क्षेत्र के लिए यह एक अद्वितीय परियोजना है आधिकारिक सूत्रों के अनुसार यह परियोजना छह साल में पूरी होने का अनुमान है इसके क्रियान्वयन के लिए एजेंसियों का चयन कर लिया गया है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेई ने नदियों को जोड़ने का विजन (सपना) रखा था और उसके लिए विशेष समिति भी बनाई गई थी नदियों को जोड़ने की योजना तो बन गई पर उन्हें पूर्व सरकारों ने अनावश्यक रूप से उलझाए रखा परंतु हमारी सरकार विवाद नहीं-संवाद की, विरोध नहीं - सहयोग की नीति पर कार्य करती है इसी का परिणाम है कि आज पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर हुए हैं परियोजना के अंतर्गत चंबल व उसकी सहायक नदियों पार्वती, कालीसिंध और चंबल को आपस में जोड़ा जाएगा इससे मध्य प्रदेश और राजस्थान में विकास के नए द्वार खुलेंगे।
परियोजना में 21 बांध/बैराज बनाए जाएंगे
पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना की अनुमानित लागत 72 हजार करोड़ है, जिसमें मध्य प्रदेश 35 हजार करोड़ और राजस्थान 37 हजार करोड़ रुपये व्यय करेगा केंद्र की इस योजना में कुल लागत का 90 प्रतिशत केंद्रांश और 10 प्रतिशत राज्यांश रहेगा परियोजना की कुल जल भराव क्षमता 1908.83 घन मीटर होगी साथ ही 172 मिलियन घन मीटर जल, पेयजल और उद्योगों के लिए आरक्षित रहेगा परियोजना अंतर्गत 21 बांध/बैराज निर्मित किए जाएंगे।
11 जिलों को सीधा लाभ, 40 लाख को मिलेगा पेयजल
परियोजना से श्योपुर, भिंड, मुरैना, शिवपुरी, गुना, अशोक नगर सहित आगर, इंदौर, धार, उज्जैन, शाजापुर, राजगढ़, सीहोर इत्यादि संपूर्ण पश्चिमी मध्य प्रदेश में पीने के पानी और सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था रहेगी परियोजना से प्रदेश के 3217 ग्रामों को लाभ मिलेगा मालवा और चंबल क्षेत्र में 6 लाख 13 हजार 520 हेक्टेयर में सिंचाई होगी और 40 लाख की आबादी को पेयजल उपलब्ध होगा लगभग 60 वर्ष पुरानी चंबल दाईं मुख्य नहर एवं वितरण-तंत्र प्रणाली के आधुनिकीकरण कार्य से भिंड, मुरैना एवं श्योपुर जिले में कृषकों की मांग अनुसार पानी उपलब्ध कराया जाएगा।