कोलारस - कोलारस विधायक कोलारस नगर की राजनिति में पकड़ मजबूत बनाने के लिये अन्य समाजों के साथ - साथ अग्रवाल समाज को भी जोड़ने का कार्य कर रहे है अग्रवाल समाज की राजनिति का जनक स्व.चिंतामणी जैन को माना जाता है उनके जाने के बाद कोलारस की राजनिति में अग्रवाल समाज से विधायक देवेन्द्र जैन स्थापित हुये किन्तु देवेन्द्र जैन द्वारा शिवपुरी से विधायक बनने के बाद कोलारस नगर की राजनिति में अग्रवाल समाज से अभी तक कोई भी चेहरा राजनिति में स्थापित नहीं हो पाया राजनैतिक जानकार यह मानकर चल रहे है कि आने वाले विधानसभा के चुनावों में जितेन्द्र जैन गोटू कोलारस की राजनिति में प्रवेश कर लम्बे समय के लिये कोलारस में स्थापित हो सकते है।
वर्तमान राजनिति परिवेश की हम चर्चा करें तो कोलारस विधायक महेन्द्र यादव द्वारा अग्रवाल समाज में अपनी पैठ मजबूत करने के लिये रोहित बंसल पर दाव खेला और नगर परिषद कोलारस के उपाध्यक्ष बनाने में भी कोलारस विधायक को सफलता हाथ लगी किन्तु नगर परिषद उपाध्यक्ष बंसल व्यापार से हटकर राजनिति में अपनी पहचान एवं पकड़ बनाने में अभी तक सफल नहीं हो पाये चूकि नगर परिषद उपाध्यक्ष बंसल का परिवार व्यापार के साथ - साथ राजनिति से भी जुड़ा हुआ है अपनी छवि एवं व्यापार के साथ - साथ राजनिति में पकड़ मजबूत करने में बंसल कामयाव अभी तक नहीं हो पाये उन्हें व्यापार के साथ - साथ राजनिति में पकड़ बनाने के लिये समय एवं धन खर्च करना होगा तभी वह राजनिति में आगे बड़ पायेंगे बीते कुछ माह पूर्व नगर परिषद उपाध्यक्ष कोलारस विधायक के समक्ष नगर परिषद के अधिकारी एवं कर्मचारियों की शिकायत लेकर पहुंचे थे उपाध्यक्ष अपने आप में किसी भी संस्था का दूसरा नागरिक माना जाता है किन्तु राजनिति में समय एवं पकड़ मजबूत न होने के कारण नगर परिषद उपाध्यक्ष को विधायक के समक्ष अपनी समस्या रखनी पड़ी कोलारस नगर की राजनिति में अग्रवाल समाज से दूसरा नाम दीपक जैन लाईट वालों का निकलकर सामने आ रहा है दीपक जैन का परिवार भी राजनिति के साथ - साथ व्यापार से जुड़ा हुआ है पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यकाल के बाद इस परिवार के द्वारा राजनिति से दूरी बना ली थी किन्तु बीते कुछ समय से दीपक जैन ने राजनिति में अपनी सक्रियता कांग्रेस के साथ दिखाई और नगर परिषद कोलारस के वार्ड पार्षद की राजनिति में प्रवेश के साथ यह कोलारस नगर में व्यापार के साथ - साथ राजनिति में भी दिखाई देने लगे इनकी राजनिति में सक्रियता के चलते यह कोलारस विधायक महेन्द्र के करीबियों में गिने जाने लगे और नगर परिषद चुनाव के बाद यह कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा के कमल के फूल को हाथ में लेकर सक्रिय राजनिति की भूमिका में दिखाई देने लगे चूकि हम बात कर रहे हैं अग्रवाल समाज के द्वारा राजनिति में पकड़ मजबूत बनाने की तो जिस प्रकार स्व. चिंतामणी जैन ने राजनिति में अपनी पकड़ बनाई थी उस मुकाम तक पहुंचने में अभी तक कोई दूसरा नाम दिखाई नहीं दिया आने वाले समय में जितेन्द्र जैन का नाम कोलारस की राजनिति में अपनी पकड़ एवं पहचान बनाने में कामयाव होने की चर्चाऐं राजनैतिक गलियारे में सुनाई दे रही है।