कोलारस - कोलारस महाविद्यालय में हिन्दी के प्रोफेसर के रूप में करीब दो दशक कोलारस महाविद्यालय में पदस्थ रहकर छात्र-छात्राओं को अध्ययन कराने वाले कवि श्री लखनलाल खरे दीर्घायु प्राप्त कर बीमारी से जूझते हुये गुरूवार को दुनिया से अलविदा हो गये छात्र-छात्राओं से लेकर कवि के क्षेत्र से जुड़े लोग उन्हें कभी नहीं भुला पायेंगे क्योंकि अपनी शैली से अमर छाप छोड़ने वाले खरे की कविताओं को लोग कभी भी भुला नहीं पायेंगे अपनी बांड़ी की अमर छाप छोड़ने वाले श्री लखनलाल खरे को ईश्वर अपने चरणों में स्थान दे और परिवार को दुख सहन करने की छमता प्रदान करें यही प्रार्थना ईश्वर से करते है - एडवोकेट हरीश भार्गव प्रधान संपादक द टुडे टाइम्स इंडिया
Tags
Kolaras