कोलारस - भाजपा जिसकी नीव रखने में ब्राह्राण समाज के लोगो ने अहम भूमिका निभाई आज उसी के समाज के लोग छोटे से छोटे पद के लिये भटक रहे है यह समाज के लोगो की उपेक्षा नहीं है तो और क्या है जहां मंडल अध्यक्ष से लेकर सांसद एवं विधायक प्रतिनिधि बनने के लिये नेताओं के द्वार-द्वार भटकना पड़ रहा है इससे ज्यादा बुरे हालात और क्या हो सकते है भाजपा की नीव रखने में मुख्य भूमिका अदा करने वाले मुरली मनोहर जोशी से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी बाजपेयी के भांजो को आज के समय में भाजपा ने साइड लाइन करके छोड़ रखा है फिर भला आम एवं छोटे कार्यकर्ता की क्या हिम्मत की वह अपने हक के लिये अपनी बात भी पार्टी फोरम पर रख सके।
चूकी बात कर रहे है कोलारस विधानसभा क्षेत्र में भाजपा से जुड़े ब्राह्राण कार्यकर्ताओं की तो भाजपा के आला नेताओं ने ब्राह्राण भाजपा नेताओं का हमेशा से शोषण ही किया है अपना उल्लू सीधा करने के बाद ब्राह्राण भाजपा कार्यकर्ताओं की हमेशा उपेक्षा ही अभी तक की गई है चाहे विधानसभा के टिकिट का सबाल हो चाहे नगर परिषद के चुनावों में टिकिट का मामला हो चाहे विधायक या सांसद प्रतिनिधि का सबाल हो सभी स्थानों पर ब्राह्राण समाज के भाजपा कार्यकर्ताओं को अभी तक मायूसी ही हाथ लगी है बीते चंद दिनों पहले ग्राम पंचायत गुढ़ा में हुये पंचायत चुनाव में भाजपा के ही लोगो ने कांग्रेस की महिला सरपंच को जिताने में अहम भूमिका अदा की जिस कांग्रेस को भाजपा के लोग देश विरोधी पार्टी की संज्ञा देते है उसी पार्टी की महिला सरपंच को जिताने तथा ब्राह्राण महिला सरपंच की उम्मीदवार को हराने में भाजपाईयों ने अहम रोल अदा किया क्योंकि ग्राम पंचायत गुढ़़ा की महिला ब्राह्राण सरपंच के जीतने से कहीं गोलू गौड़ भाजपा में आगे न बड़ जाये इसी प्रकार का एक और मामला सामने आया है जहां भाजपा कार्यकर्ताओं की दो बार की राय में 75 प्रतिशत कार्यकर्ताओं ने राम सडैया को कोलारस मंडल अध्यक्ष बनाने की मांग की उसके बाद भी उनके नाम को घोषित न करते हुये कोलारस मंडल को हॉल्ड पर रख दिया गया उम्मीद है दिसम्बर माह में कोलारस मंडल एवं जिला अध्यक्ष के नाम की भी घोषणा भाजपा संगठन कर सकता है उसके बाद ब्राह्राण समाज के लोग अपनी भूमिका बदलने यानि की आने वाले चुनावों तक कई सैंकड़ा ब्राह्राण कार्यकर्ता भाजपा के फूल को छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम सकते है।