विजयपुर विधानसभा क्षेत्र में हुए उप चुनाव के मतदान के दौरान हिंसक गतिविधियों एवं बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा तोड़ने वालों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग को लेकर कांग्रेसियों ने शिवपुरी कलेक्‍टर को सौपा ज्ञापन - Shivpuri



सागर शर्मा शिवपुरी - शिवपुरी में आज मंगलवार को कांग्रेसियों  द्वारा शिवपुरी कलेक्‍टर को ज्ञापन सौपा गया जिसमें लिखा गया कि मध्‍यप्रदेश में विजयपुर विधानसभा का उपचुनाव का मतदान 13 नवंबर, 2024 को सम्पन्न हुआ, उक्त मतदान के दौरान भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं एवं असामाजिक तत्वों ने मिलकर अनुचित कार्य करते हुए मतदान को प्रभावित करने के साथ-साथ हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया तथा रात में गोहटा गांव में बदमाशों ने दलित बस्ती में घुसकर तोड़फोड़ की तथा घरों में आगजनी की, उनकी फसलों में आग लगाकर नुकसान पहुंचा गया एवं गांव में स्थापित बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति को भी तोड़कर खंडित कर दिया। गोहटा गांव में आतंक के कारण भय का वातावरण इस तरह निर्मित हो गया था कि ग्रामीणजन अपनी शिकायत लेकर थाने तक जाने में डर रहे थे और वे थाने भी नहीं पहुंच सके।

महामहिम उपरोक्त आतंक का तांडव विजयपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी तथा वनमंत्री रामनिवास रावत के पक्ष में मतदान ना होना मुख्य कारण है क्योंकि आदिवासी अंचल एवं जाटव समाज के लोगों द्वारा भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में खुलकर प्रचार प्रसार नही किया, उनके अनुरूप कार्य नहीं किया यहां तक कि क्षेत्र में चर्चा व्याप्त रहीं कि उक्त समुदाय द्वारा कांग्रेस पार्टी के पक्ष में मतदान किया गया है इसलिए गुण्डों, बदमाशों को भेजकर गोहटा गांव में आतंक फैलाया गया, घरों में तोड़फोड़ की गई, फसले फूक दी गई तथा बाबा साहेब की मूर्ति को खंडित कर दिया गया है जो कि निश्चित ही चिंताजनक होने के साथ साथ निंदनीय है।



महामहिम से मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से उपरोक्त ज्ञापन के माध्यम से मांग की जाती है कि विजयपुर विधानसभा क्षेत्र के गोहटा गांव में हुए उप चुनाव के मतदान दिनांक 13.11.2024 के दौरान हिंसक गतिविधियों एवं बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा तोड़ने वालों के विरूद्ध तत्काल दण्डात्मक कार्यवाही करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया जावे तथा गोहटा गांव के निवासियों को उचित पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जावे तथा मध्यप्रदेश शासन को आगाह किया जावे कि प्रदेश में इस तरह की घटनाओं की पुर्नावृत्ति ना हो जिससे कि दलित वर्ग सम्मान के साथ अपना जीवन यापन कर सके जो कि न्यायोचित होगा ।

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