सनातन हिंदू एकता पदयात्रा जहां से भी निकल रही है, लोग अपना घर-कारोबार छोड़कर सड़क पर उतर आते हैं। लोगों ने घरों में ताले जड़ दिए हैं और खुद को सनातन के हवाले कर दिया है। छठवें दिन की यात्रा मऊरानीपुर से शुरू हुई और करीब 17 किलोमीटर की दूरी तय कर घुघसी में रुकी। इस यात्रा में पूज्य संतों की उपस्थिति के साथ-साथ विभिन्न दलों से जुड़े लोग शामिल होकर महाराज का आशीर्वाद लिए। मंगलवार को गोरीलाल कुंज श्रीधाम वृंदावन के महंत किशोरदास जी महाराज, सिंधी समाज के संतलाल साईं ग्राम बंगरा में यात्रा में शामिल हुए।
जानकारी के मुताबिक, छठवें दिन की यात्रा रोज की तरह ध्वजारोहण और हनुमान चालीसा के साथ शुरू हुई। मऊरानीपुर से शुरू हुई यह यात्रा घुघसी विराम पर पहुंची। रास्ते में महिलाएं कलश लेकर चंदन-रोली और आरती उतारकर महाराज का स्वागत करती रही। लोगों में ऐसा जुनून है कि वे महाराज की एक झलक पाने के लिए अपना घर और प्रतिष्ठान ताले के हवाले कर देते हैं। उत्तर प्रदेश के क्षेत्र में चल रही बागेश्वर महाराज की पैदल यात्रा में विशाल जनसमूह शामिल हो रहा है। बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे जात-पात जैसी सामाजिक बुराई से बाहर निकलें, हम सब की सिर्फ एक ही जाति है और वह है हिंदू।
दिव्यांग पत्नी को लेकर नंगे पैर चल रहा सनातनी
दमोह जिले के तेंदूखेड़ा तहसील अंतर्गत ग्राम तेजगढ़ निवासी डेरन प्रसाद बंसल ने बताया कि वह अपनी दिव्यांग पत्नी कुसुमबाई के साथ नंगे पैर इस यात्रा में चल रहा है। पत्नी को दो साल पहले लकवा लग गया था, बागेश्वर धाम सरकार की कृपा से अब काफी सुधार है। जहां बोलने की भी स्थिति नहीं थी, वहां बोलने के साथ-साथ खाना-पीना भी करते बन जाता है। डेरन ने बताया कि महाराज ने उन्हें रोकने का प्रयास किया कि स्ट्रैचर साइकिल से अपनी पत्नी को लेकर न जाएं, यात्रा से लौट जाएं। लेकिन उसके हौसले के आगे महाराज हार गए। महाराज ने यह भी कहा कि बस में बैठकर यात्रा में शामिल हो। लेकिन उसने जिद की कि वह अपनी पत्नी को साइकिल में बैठाकर धक्का देते हुए ले जाएगा। महाराज के दर्शन और उनके संकल्प के लिए वह यात्रा में चल रहा है।
बिछड़ों-पिछड़ों के साथ सड़क पर किए भोजन
महाराज के इस कार्य को देखकर लोग बेहद गौरवान्वित हो रहे हैं। क्योंकि महाराज सड़क पर ही बैठकर बिछड़ों-पिछड़ों के साथ मिल-बांटकर भोजन कर रहे हैं। रानीपुर के रामकुमार अहिरवार ने जब महाराज के साथ भोजन किया तो उसके आंसू छलकने लगे। उसने कहा कि वह कल्पना भी नहीं कर सकता था कि महाराज उसे ऐसा स्नेह देंगे। रानीपुर के ही चतुर्भुज कुशवाहा के साथ भी महाराज ने भोजन किया। बुजुर्ग महिलाएं और पुरुषों को घर में रामायण, गीता और शास्त्र की शिक्षा देने का आवाह्न किया।
तन की सुध भूलकर, दर्शन को पहुंचा आकाश
बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा जब मऊरानीपुर और बंगरा के मध्य में थी, तभी एक युवक अपने शरीर की परवाह किए बिना घुसकर महाराज के पास पहुंच गया। आकाश श्रीवास नाम के युवक को सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ लिया। लेकिन उसकी शर्ट तार-तार हो गई। जब महाराज ने उसे देखा तो बड़े स्नेह से उसे बुलाया और गरम लोई देकर उसे सम्मानित किया। आकाश की जिद थी कि वह चाहे जैसे पहुंचे, महाराज के चरणों तक पहुंचना है। बालाजी ने उसकी इस इच्छाशक्ति को पूरा कर दिया।
अक्षरा सिंह और श्याम रंगीला की प्रस्तुतियों ने बिखेरे संस्कृति के रंग
भोजपुरी गायिका अक्षरा सिंह और मिमिक्री आर्टिस्ट श्याम रंगीला सहित अन्य साथियों ने पैदल यात्रा में शामिल हुए हजारों लोगों के साथ स्थानीय लोगों को भी मनमोहक गीत सुनाए। लोग देर रात तक भजन संध्या और मिमिक्री का आनंद लेते रहे। महाराज ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि हम सबका लक्ष्य भेदभाव मिटाना है, यदि आज सभी लोग खड़े नहीं हुए तो कल कोई जगाने वाले नहीं आएगा। इसके अलावा मंगलवार को यात्रा के दौरान भारत के प्रसिद्ध मिमिक्री आर्टिस्ट विजय ईश्वरलाल पवार उर्फ वीआईपी ने भी महाराजी का आशीर्वाद लिया। उन्होंने यात्रा में चल रहे पदयात्रियों और उपस्थित जनसमूह को अपने अनूठे अंदाज में हिंदू एकता का संदेश देकर मनोरंजन भी किया।
उत्तर प्रदेश पुलिस की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त
उत्तर प्रदेश की सीमा में महाराज की पैदल यात्रा पहुंचते ही यूपी पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था अपने हाथ में ले ली थी। सैकड़ों पुलिसकर्मी न केवल यात्रा मार्ग की निगरानी कर रहे हैं। बल्कि महाराज के काफिले पर भी सुरक्षा बनाए हुए हैं। डिप्टी एसपी लक्ष्मीकांत गौतम के मार्गदर्शन में कई निरीक्षक और उपनिरीक्षक महाराज के घेरे की जिम्मेदारी संभाले रहे। बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ चलने से यात्रा शांति पूर्वक आगे बढ़ी।