बदरवास - एक वक्त था जब बेटी को लोग बोझ समझते थे बेटियों के जन्म पर न कोई उत्सव होता था और न ही कोई खुशी मनाई जाती थी लेकिन अब वक्त बदल गया है लोग बेटी के जन्म को अब वरदान मानने लगे हैं और धूमधाम से बेटियों के जन्म की खुशियां मना रहे हैं ऐसा ही उदाहरण गत दिवस बदरवास में हुआ जहां रहने वाले शिक्षक ऋषि बैरागी एवं मनीष बैरागी के यहां बेटी ने पोती के रूप में जन्म लिया उनके पुत्र तरुण के यहां प्रथम संतान के रूप में पुत्री का जन्म हुआ तो परिवार में प्रसन्नता का वातावरण बन गया बेटी के अस्पताल से घर आने पर ढोल ढमाकों से स्वागत किया गया नन्ही परी के गृह प्रवेश पर घर को सजाया गया और आतिशबाजी नन्ही परी का गृह प्रवेश करवाया गया। बेटी के जन्म से पूरा परिवार बेहद प्रसन्न और उल्लास से भरा हुआ है।
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