कोई तो शर्म करो - हाईवे पर दुर्घटनाओं के चलते मौत का शिकार होती गौ माता एवं बाहन चालक - Kolaras



कहां सो रहा है शासन, प्रशासन, समाज सेवी संस्थाऐं एवं गौशाला कमेटी 

कोलारस - कोलारस विधानसभा क्षेत्र के ही आंकड़े उठाकर देख लें तो प्रतिदिन आवारा मवेशियों के चलते आधा दर्जन दुर्घटनाऐं होती है जिसमें दुर्घटनों के चलते आवारा मवेशियों के साथ - साथ दो पहिया बाहन चालक या तो घायल होते है या फिर गम्भीर दुर्घटना होने पर मौत का शिकार तक हो जाते है कोलारस विधानसभा क्षेत्र में ही करीब एक दर्जन से भी अधिक गौशालाऐं मौजूद है जोकि चारे एवं देख रेख के अभाव में खस्ता हाल पड़ी हुई है भूख प्यास एवं मच्छरों से बचने के लिये आवारा मवेशी हाईवे पर आकर बैठते है और रात्रि के समय लाईट की रोशनी में मवेशी न दिखने के कारण दुर्घटनों का शिकार हो जाते है कोलारस विधानसभा क्षेत्र से होकर दो हाईवे गुजरते है जहां प्रतिदिन दुर्घटनाओं में मवेशियों के साथ - साथ दो पहिया बाहन चालक प्रतिदिन दुर्घटनों का शिकार हो रहें है। 



प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा हाईवे से आवारा मवेशियों को हटाने के लिये कई प्रयास एवं प्रशासन को आदेश जारी किये गये पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा आवारा मवेशियों को शरण देने के लिये गौशालाओं का निर्माण कराया गया किन्तु नतीजा जीरो बटे सन्नाटा के बाराबर ही दिखाई दे रहा है क्योंकि कोलारस विधानसभा क्षेत्र की ही बात कर ले तो हाईवे पर प्रतिदिन दुर्घटनाओं के चलते आवारा मवेशी दो पहिया एवं चार पहिया बाहन चालक दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे है पूछ रही है क्षेत्र की जनता आखिर क्या शासन, प्रशासन, समाजिक संस्थाऐं एवं गौशाला कमेटी आखिर कहां सो रही है जब आवारा मवेशियों को सुरक्षित जगह पहुंचाने के लिये किसी के पास समय नहीं है और प्रतिदिन आवारा मवेशियों से लेकर आम लोग दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे है हाईवे पर दुर्घटनाओं के चलते कई घरों के चिराग तक बुझ चुके है किन्तु इन सब के बाबजूद भी न तो किसी को आवारा मवेशियों की चिंता है और न ही हाईवे पर मवेशियों के कारण दुर्घटना का शिकार होने वाले लोगो की किसी को चिंता है। 


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