दुर्दशा ए कोलारस स्वास्थ्य केन्द्र - एक्सरा बंद, ऑक्सीजन बंद, ईसीजी बंद, तीन माह बाद चिकित्सको के ट्रेंनिग पर जाते ही ओपीडी के हाल भी हो जायेंगे बदहाल - Kolaras



कोलारस - कोलारस स्वास्थ्य केन्द्र की हालत किसी से छिपी नहीं है बदहाल कोलारस स्वास्थ्य केन्द्र में पद भरने के लिये करीब आधा दर्जन से भी अधिक चिकित्सक पदस्थ है किन्तु शाम के समय ओपीडी में जाकर देखा जाये तो एक या दो चिकित्सक ही ओपीडी में बैठते है बीएमओ के अपडाउन करने से कोलारस स्वास्थ्य केन्द्र के हालत बद से बदतर दिखाई देते है हालत यह है कि कोलारस स्वास्थ्य केन्द्र में विशेषज्ञ चिकित्सक न होने से लोकल के मरीज कोलारस स्वास्थ्य केन्द्र की जगह शिवपुरी उपचार कराने के लिये मजबूर है।

कोलारस स्वास्थ्य केन्द्र की बात करें तो यहां एक्सरा टैक्नीसीयन से लेकर हड्डी रोग चिकित्सक न होने के कारण कोलारस स्वास्थ्य केन्द्र में एक्सरा मशीन कई महिनों से बंद पड़ी हुई है एमडी चिकित्सक के अभाव से लेकर देख रेख न होने के कारण सामान्य सी ईसीजी की जांच भी कराने के लिये ह्रदय के मरीजों को प्राईवेट चिकित्सालय अथवा शिवपुरी जाना पड़ता है कोलारस स्वास्थ्य केन्द्र में कोरोना काल के मध्य तत्कालीन सांसद केपी यादव द्वारा करोड़ों की लागत से ऑक्सीजन प्लांट का शुभारम्भ कराया था किन्तु प्लांट लगने के बाद भी गम्भीर मरीजों से लेकर प्रस्तुताओं को ऑक्सीजन का लाभ समय पर नहीं मिल पा रहा है इतना ही नहीं कोलारस स्वास्थ्य केन्द्र में डेंटल की सुविधा उपलब्ध है किन्तु देख रेख के अभाव में डेंटल मशीन डेड पड़ी हुई है।

कोलारस स्वास्थ्य केन्द्र को वर्तमान में मुख्य रूप से दो चिकित्सक संभाले हुये है जिनमें डॉ. विवेक शर्मा एवं डॉ. आनंद जैन दोनो चिकित्सकों ने पीजी की एग्जाम पास कर लिया है दोनो को दीपावली के आस पास एमडी.एमएस की तीन वर्ष के लिये होने वाली ट्रेनिंग में कोलारस स्वास्थ्य केन्द्र से बाहर जाना होगा ऐसी स्थिति में बदहाल कोलारस स्वास्थ्य केन्द्र जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं टेक्नीसीयनों के अभाव में कोलारस स्वास्थ्य केन्द्र की हालत झोलाछाप चिकित्सकों से भी बदत्तर हो सकती है क्योंकि अन्य चिकित्सकों की हालत यह है कि वह सप्ताह में कुछ दिनों के लिये ओपीडी की जगह अपनी हाजरी लगाने तथा स्वास्थ्य केन्द्र की सैर करने के लिये आते है ऐसे में अप डाउन करने वाले बीएमओ के सामने आगामी तीन माह के दौरान दो प्रमुख चिकित्सकों के ट्रेनिंग पर जाते ही स्वयं बीएमओ की हालत आने वाले समय में खस्ता होती हुई दिखाई दे रही है।  


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