कोलारस - शुक्रवार को हरितालिका तीज के साथ वृत उपवास का क्रम जारी हुआ जिसके साथ ही त्यौहारों का सीजन निरंतर देव उठनी एकादशी तक त्यौहारों का क्रम जारी रहेगा त्यौहारों के इसी क्रम में शनिवार को प्रथम पूज्य श्रीगणेश देव जी का प्रकट उत्सव बनाया जायेगा जोकि निरंतर 10 दिनों तक जारी रहेगा शनिवार को गणेश चतुर्थी के साथ कोलारस से करीब 18 किमी दूरी पर स्थित ग्राम लेवा में हरीमन बाबा का मेला लगेगा जहां पीलिया जैसी जानलेवा बीमारी के बंध काटने के साथ बाबा की परिक्रमा लगाने के लिये दूर - दूर से भक्तगण पहुंचते है इसके साथ ही कोलारस के ही राई रामेश्वरम के पास भैरव जी के मंदिर पर दो दिवसीय मेला का आयोजन रविवार एवं सोमवार को आयोजित किया जायेगा जिसमें सोमवार को मोहर छट के दिन भैरव जी के मुकुट विसर्जन की परम्परा को भी निभाया जायेगा भैरव जी के दर्शन एवं प्रसाद का भोग लगाने के लिये दूर - दूर से किसान एवं आम भक्त बड़ी संख्या में राई रामेश्वरम् भैरव जी के दर्शन करने पहुंचेंगे।
शनिवार को प्रथम पूज्य श्रीगणेश जी का प्रकट उत्सव -
शुक्रवार 06 सितम्बर से लेकर 17 सितम्बर अन्नत चतुर्दशी तक लगातार त्यौहारों के रूप में वृत उपवास का क्रम जारी है 17 सितम्बर मंगलवार की दोपहर से कनागत यानि की श्रृाद पक्ष प्रारम्भ हो जायेगें।
शुक्रवार 06 सितम्बर को देवो के देव महादेव जी को प्राप्त करने के लिये मां पार्वती ने हरितालिका वृत तीज के दिन रखा था तभी से हरितालिका का वृत उपवास महिलाऐं रखती चली आ रही है और हरितालिका तीज का पर्व शुक्रवार को मनाया गया अगले दिन पुत्र भगवान गणेश जी का प्रकट उत्सव अगले 10 दिनों तक भगवान श्रीगणेश जी की प्रतिमा रख कर घर - घर भगवान गणेश की पूजा की जायेगी इसके अगले दिन 08 सितम्बर रविवार को ऋषिओं को प्रसन्न करने के लिये महिलाऐं ऋषि पंचमी का वृत उपवास रखती है इसके अगले दिन 09 सितम्बर को शादी विवाह के बाद मोहर के रूप में मुकुट का विसर्जन नदी या जालशय में करने की परम्परा है जिसे विवाहित हुये परिवारों में यह परम्परा आज भी निभाई जाती है इसके अगले दिन 10 सितम्बर को संतान की दीर्घायु के लिये माताऐं संतान सप्तमी का वृत उपवास रखने के साथ पूजा अर्चना करती है इसके अगले दिन 11 सितम्बर को किशोरी श्री राधा रानी जी का प्रकट उत्सव मनाया जायेगा इसी क्रम में 14 सितम्बर को जल झूलनी एकादशी का वृत उपवास है इस दिन भगवान श्री कृष्ण को जलाशय में स्नान कराने की परम्परा है 17 सितम्बर को अन्नत चतुर्दशी का पर्व मनाया जायेगा इस दिन गणेश उत्सव का समापन भी होता है साथ ही इस बार 17 सितम्बर की दोपहर को पूर्णिमा वृत प्रारम्भ होने से मंगलवार की दोपहर से ही 16 दिवसीय श्रृाद पक्ष भी आगामी 02 अक्टूबर तक के लिये प्रारम्भ हो जायेंगे।