शोषण और अत्याचार के खिलाफ सहरिया क्रांति ने उठाई आवाज, मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन - Shivpuri



सागर शर्मा शिवपुरी - खबर शिवपुरी जिले से आ रही है जहां विगत दिवस सहरिया क्रांति के सदस्यों ने हाल ही में जिला कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला कलेक्टर को  मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा है इस ज्ञापन में सहरिया समाज की गंभीर समस्याओं को उजागर किया गया है, जिनका समाधान अब तक नहीं हो पाया है।

मौसम की खराब स्थिति के बावजूद, सहरिया क्रांति के सदस्य बड़ी संख्या में जिला मुख्यालय पर एकत्र हुए। इस अवसर पर आगामी वर्षों में आयोजित होने वाली मुहिम के संबंध में विचार-विमर्श किया गया और कई महत्वपूर्ण संकल्प लिए गए। आदिवासी समुदाय की समस्याओं के प्रति सरकारी अमले के गैर-जिम्मेदार रवैये से आदिवासी समुदाय में आक्रोश देखा गया। 

ज्ञापन में दर्ज किए गए मुद्दों में प्रमुख रूप से निम्नलिखित बिंदु शामिल हैं:

1. जनमन आवास योजना में भ्रष्टाचार: लाभार्थियों को रिश्वत देने की शिकायतें मिली हैं। ज्ञापन में मांग की गई है कि प्रत्येक पंचायत के हितग्राहियों के बयान दर्ज किए जाएं और दोषियों को दंडित किया जाए।

2. राशन की दुकानों पर अनियमितता: राशन वितरण में हो रही अनियमितताओं के कारण आदिवासी समुदाय को उनका हक नहीं मिल पा रहा है। पारदर्शिता लाने और नियमित निरीक्षण की मांग की गई है।

3. पुराने पट्टों पर अमल: सहरिया आदिवासियों को वर्षों पहले भूमि के पट्टे दिए गए थे, जिन पर अमल नहीं हुआ है। विशेष शिविर लगाकर पट्टों पर अमल की मांग की गई है।

4. अवैध शराब दुकानें: गांवों में अवैध शराब की दुकानों के बढ़ने से नशे की समस्या बढ़ रही है। इन दुकानों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है।

5. पेयजल की व्यवस्था: आदिवासी बस्तियों में पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। उचित पेयजल व्यवस्था की मांग की गई है।

6. आवास निर्माण के लिए भूमि उपलब्धता: जिन आदिवासियों के जनमन आवास स्वीकृत हो चुके हैं, उन्हें आवास निर्माण के लिए भूमि नहीं मिल रही है। भूमि उपलब्ध कराने की मांग की गई है।

7. सीमांकन आवेदन की सुनवाई: सीमांकन के आवेदनों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। त्वरित सुनवाई और विवादों का निपटारा करने की मांग की गई है।

8. भाषाई शिक्षकों की भर्ती: भाषा के अंतर के कारण आदिवासी बच्चों को पढ़ाई में कठिनाई हो रही है। भाषाई शिक्षकों की भर्ती की मांग की गई है।

9. जाति प्रमाण पत्र: सहरिया बच्चों के स्कूल में पढ़ाई के दौरान जाति प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की गई है।

10. फर्जी जाति प्रमाण पत्रों की जांच: फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर सरकारी सेवाओं में नौकरी कर रहे लोगों की जांच की मांग की गई है।

11. पोषाहार और मध्यान्ह भोजन में भ्रष्टाचार: आंगनवाड़ी केंद्रों और विद्यालयों में पोषाहार और मध्यान्ह भोजन की स्थिति खराब है। भ्रष्टाचार बंद करने की मांग की गई है।

12. जनसुनवाई के आवेदनों का तुरंत निदान: जनसुनवाई में आने वाले सहरिया आदिवासियों की समस्याओं का समाधान हर सप्ताह कर लिखित रूप से अवगत कराने की मांग की गई है।

13. वन भूमि पर काबिज आदिवासियों को पट्टा: वन भूमि पर काबिज आदिवासियों को पट्टा प्रदान करने की मांग की गई है।

14. जनपद पंचायतों द्वारा कराए जा रहे निर्माणों की जांच: आदिवासी बस्तियों में हो रहे सभी निर्माण कार्यों की जांच की मांग की गई है।

सहरिया क्रांति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि इन समस्याओं पर त्वरित कार्रवाई की जाए और आवश्यक कदम उठाए जाएं। उनका विश्वास है कि सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से लेगी और समस्याओं के समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाएगी। ज्ञापन में प्रमुख रूप से औतार भाई सहरिया, अजय आदिवासी, राजेश आदिवासी, कल्याण आदिवासी, संजु आदिवासी, विशाल आदिवासी, रामजी आदिवासी, भदोरिया आदिवासी, स्वदेश आदिवासी, रामू आदिवासी, सुरेन्द्र आदिवासी, काडू आदिवासी, रामेश्वर आदिवासी, सिरनाम आदिवासी, वीरसिंह आदिवासी, राजेन्द्र आदिवासी, कुमारी बबली आदिवासी, रत्ना बाई, सुगरा बाई, चम्पाबाई, काशीराम, कमरलाल सहित 123 गांवों के दो-दो प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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