सागर शर्मा शिवुपरी - शिवपुरी जिले के जिला शिक्षा कार्यालय में भ्रष्टाचार किस तरह अपनी जडे जमा चुका है इसका उदाहरण प्राइवेट स्कूलों की जांच में मिला है,पोहरी में एसडीएम के निर्देश के बाद हरकत में आए शिक्षा विभाग के अधिकारियों के निरीक्षण में सामने आया कि पोहरी क्षेत्र के स्कूल दो कदम आगे चल रहे है।
पोहरी बीईओ अवधेश सिंह तोमर और उनकी टीम ने पोहरी के अशासकीय स्कूलों का निरीक्षण पिछले कुछ दिनों में किया तो हालात यह मिले कि चार से पांच कमरों में दसवीं तक की कक्षाएं संचालित हो रही थीं। मान्यता आठवीं तक की थी, लेकिन मौके पर नवीं, दसवीं कक्षा के बच्चे भी पढ़ते मिले। कक्षों में घरेलू सामान और फावड़े, गेती रखे थे तो शौचालय में सायकल। अधिकांश स्टाफ भी मान्यता नियमों के विपरीत अप्रशिक्षित मिला, जिन पर डीएड, बीएड जैसी डिग्री तक नहीं हैं।
सबसे बड़ी हैरानी इस बात की है कि दो स्कूलों का संचालक अप्रत्यक्ष रूप से सरकारी स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों द्वारा किए जाने की बात भी जांच टीम के सामने आई है। टीम ने प्रतिवेदन में भी इस तथ्य को उजागर किया है। इतने बड़े पैमाने पर नियम विरूद्ध संचालित इन स्कूलों और इनके संचालकों पर अब तक जिला स्तर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
स्थानः गुरुदेव मिशन स्कूल पोहरी
हालात: यहां एक से आठ तक की कक्षाएं संचालित पाई गई। कक्षों में संख्या के मान से अधिक छात्रों को बैठा कर अध्यापन कराया जा रहा था। कमरों में घुटन जैसी स्थिति मिली। बरामदे में दो जगह आठवीं व सातवीं के छात्रों को बैठा कर अध्यापन कराया जा रहा था। यहां पढ़ाने वाले शिक्षक शिक्षिकाएं भी अप्रशिक्षित मिले। मान्यता के विपरीत नवीं व दसवीं कक्षा संचालित की जा रही है।
इसकी पुष्टि अध्यापन कार्य करा रहे शिक्षक रामेश्वर कुशवाह ने अपने कथनों में की। विद्यालय के प्राचार्य अनुपस्थित होने का हवाला देकर कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया गया। टीम ने जानकारी जुटाई तो पता चला कि उक्त स्कूल का संचालन सीएम राइज पोहरी में पदस्थ उच्च माध्यमिक शिक्षक राजेंद्र धाकड़ द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से किया जाता है। बीईओ ने अपने प्रतिवेदन में भी इसका उल्लेख किया है।
स्थानः लू सेंट पब्लिक स्कूल
हालात : स्कूल को आठवीं तक की मान्यता प्राप्त है, जबकि विद्यालय में कक्षा नौ व दस के छात्र अध्यन करते पाए गए। यह सारे छात्र एक ही कमरे में अध्ययन करते मिले। प्रधानाध्यापक नेपाल सिंह धाकड़ ने बताया कि हम नवीं व दसवीं के छात्रों को बतौर ट्यूशन पढ़ाते हैं। स्टाफ पंजी में दस शिक्षक-शिक्षिकाओं के नाम व हस्ताक्षर मिले, लेकिन किसी के भी नाम पोर्टल पर दर्ज नहीं थे। इसके अलावा अंजली धाकड़ व देवकीनंदन धाकड़ को छोड़कर सारे शिक्षक अप्रशिक्षित थे।
स्थानः स्मार्ट किड्स पब्लिक स्कूल
हालात:आठवीं तक की मान्यता होने की जानकारी प्रधानाध्यापिका कल्पना धाकड़ ने दी जबकि मौके पर नवीं व दसवीं के छात्र अध्ययन करते पाए गए। कुछ छात्र अशासकीय स्मार्ट किड्स स्कूल की गणवेश में भी थे। दोनों कक्षाओं के छात्र दसवीं की पुस्तक पढ़ते मिले। पूछने पर बताया कि उन्हें सीधे दसवीं की तैयारी कराई जाती है।
प्रधानाध्यापिका ने टीम को बताया कि नवीं और दसवीं के छात्र अन्य विद्यालय से अटैचमेंट कर पढ़ाते हैं और फार्म दूसरे स्कूल से भरवाते हैं। स्टाफ रजिस्टर में अंकित पांच शिक्षकों के नाम के आगे बीए व डीएड लिखा था लेकिन उनके प्रमाण पत्र विद्यालय पर नहीं मिले। इसके अलावा विद्यालय की मान्यता, रजिस्ट्रेशन आदि दस्तावेज भी मौके पर उपलब्ध नहीं कराए गए।
इनका कहना है
एसडीएम साहब के द्वारा समीक्षा बैठक में 5 में दिए गए निर्देशों के क्रम में हमने पिछले दिनों कई निजी स्कूलों का निरीक्षण किया था, जिनमें से कुछ स्कूलों में मान्यता के विपरीत नवीं व दसवीं कक्षा संचालित मिलीं। स्टाफ भी अप्रशिक्षित था और भी कई खामियां मिली हैं। कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन वरिष्ठ कार्यालय को भेज दिया है। अवधेश सिंह तोमर, बीईओ, पोहरी।
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