कोलारस - बारिश के प्रमुख माह श्रावण मास के 12 दिन शेष बचे है श्रावण माह में औषत बारिश के हिसाब से 50 प्रतिशत वारिश होती है किन्तु कोलारस परगने की हम बात करें तो बीते दो वर्षो से कोलारस क्षेत्र में भले ही शासकीय आंकड़ों के हिसाव से बारिश पूर्ण हो रही हो किन्तु धरातल पर 50 प्रतिशत से भी कम दिखाई दे रही है हालात यह है कि वारिश का मुख्य माह निकलने को है और नदी, तालाब, कुऐं, बावड़ी, नलकूपों में अभी 50 प्रतिशत पानी भी नहीं आया है और प्रशासन के आंकड़े कोलारस परगने में पूर्ण वारिश होने के आंकड़े जारी कर रहे है कोलारस में शासकीय आंकड़ों के अनुसार अभी तक 800 मिली से भी अधिक वारिश हो चुकी है इस हिसाव से वारिश आंकड़ों के हिसाब से पूर्णता की ओर है जबकि धरातल पर 50 प्रतिशत भी जलाश्यों में पानी नही भरा है।
बीते दो वर्षो में हुई वारिश की बात करें तो शासकीय आंकड़ें औषत वारिश होने का दावा भले ही करते रहे किन्तु कोलारस तहसील क्षेत्र में जलाश्यों से लेकर फसल को आकर देखा जाये तो वारिश 50 प्रतिशत भी नहीं हो रही है इस बार फसल बोवनी के समय वारिश न होने के कारण करीब 25 प्रतिशत किसान समय पर बोनी तक नहीं कर पाये और जिन किसानों ने बोनी कर दी उनकों समय पर पानी न वरसने से किसानों की फसल खराब हो रही है इस बार की वारिश किसानों के हिसाब से ठीक नहीं है जबकि जलाश्यों पर जाकर देखा जाये तो श्रावण मास निकलने में 12 दिन शेष बचे है और जलाश्य 50 प्रतिशत भी नहीं भरे है श्रावण मास के शेष 12 दिन एवं भादो मास में यदि जलाश्यों में पानी की पूर्ति नहीं हुई तो वर्तमान फसल खराब होने के साथ-साथ किसान अगली फसल की बोनी कहां से करेंगा क्योंकि जब जमीन में पानी ही पर्याप्त नहीं मिलेगा फिर भला किसान फसल से लेकर स्वयं के लिये पानी की पूर्ति कहां से करेगा।