सागर शर्मा शिवपुरी - खबर शिवपुरी जिले के पिछोर तहसील क्षेत्र की है जहा आज सहरिया क्रांति द्वारा पिछोर तहसील के ग्राम नया चौराहा टपरियन ग्रम पंचायत नयागांव के आदिवासियों पर अधिकारियों के संरक्षण में अत्याचार और उनकी जमीन पर फसल नष्ट व अवैध कब्जा किया हुआ है सहरियों की भूमि पर से अवैध कब्जा हटाये जाने तथा 10 सूत्रीय मांगो को लेकर आज शनिवार को सहरिया क्रांति द्वारा शिवपुरी चौधरी को मुख्यमंत्री मोहन यादव के नाम ज्ञापन सौंपा ।
दिये गये ज्ञापन के अनुसार -
ग्राम के दवंगो द्वारा सहरियों की भूमि पर जबरन कब्जा किया हुआ है जब गौरव आदिवासी ने इसका विरोध किया तो उसे लाठियों से मारकर दौड़ा - दौड़ाकर पीटा गया इसके साथ ही महिलाओं के साथ जातिसूचक गालियों का प्रयोग करते हुए मारपीट की गई।
अगले दिन, जयंत लोधी, संतोष लोधी, महाराज सिंह लोधी, राहुल, अनिल, वीरसिंह लोधी आदि ने सैकड़ों लोगों के साथ पुनः आकर खेतों में आवारा मवेशियों को छोड़ दिया, जिससे मूंगफली और उड़द की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई इस पूरी घटना के दौरान राजस्व और पुलिस के अधिकारी मौजूद थे, लेकिन उन्होंने मूक दर्शक बनकर इस अत्याचार को होने दिया।
गाँव के आदिवासी, जिनमें गुलशन, बाबू आदिवासी, दिलकूँ आदिवासी, बनमाली आदिवासी, पूरन आदिवासी आदि शामिल हैं, अपनी जमीन की फसल नष्ट हो जाने से भुखमरी के कगार पर पहुँच गए हैं स्थानीय पुलिस ने इस गंभीर घटना को नज़रअंदाज करते हुए किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई नहीं की जबकि पूरी घटना उनके सामने घटित हुई।
मांगें निम्नलिखित हैं -
1 आदिवासियों की जमीन पर अवैध कब्जा और फसल नष्ट करने वाले दबंगों पर तत्काल मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाए।
2 इस घटना को नजरअंदाज करने वाले राजस्व और पुलिस अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और उन्हें निलंबित करते हुए विभागीय जांच कराई जाए।
3 पीड़ित आदिवासियों को फसल नुकसान का उचित मुआवजा दिलाया।
4 महिलाओं के साथ अश्लील इशारे और अभद्रता करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
5 आदिवासियों पर लगाए गए झूठे मुकदमे वापस लिए जाएं।
6 गाँव में भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो, इसके लिए सुरक्षा की गारंटी दी जाए और पिछोर प्रशासन को निष्पक्ष रूप से कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाएं।
7 गाँव के कई आदिवासियों की ज़मीनों पर दबंगों ने कब्जा कर रखा है उन्हे मुक्त कराया जाये।
8. दबंगों के हाथों की कठपुतली बने राजस्व व पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया जाए।
9 आदिवासियों पर दमन अत्याचार की घटना पर त्वरित कार्यवाही की जावे।
10 पिछोर में कानून व्यवस्था का राज सुनिश्चत किया जावे।
यदि हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं तो आगामी दिनों में हम मजबूरन आंदोलन और प्रदर्शन करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।