मध्यप्रदेश में दो नए प्राइवेट कॉलेजों को नेशनल मेडिकल कमिशन ने सत्र 2024-25 के लिए मान्यता दे दी है। हालांकि, एनएमसी ने प्रदेश के तीन सरकारी कॉलेजों को मान्यता देने से इंकार कर दिया है। इसका कारण तीनों मेडिकल कॉलेज में पर्याप्त फैकल्टी नहीं होना बताया गया है। यदि इन तीन मेडिकल कॉलेजों को मान्यता मिल जाती तो प्रदेश में करीब तीन सौ एमबीबीएस की सीटें और बढ़ जाती। सरकारी मेडिकल कॉलेज को अनुमति नहीं मिलने के पीछे फैकल्टी को लेकर एनएमसी के नए नियमों को कारण बताया जा रहा है।
जानकारों का कहना है कि पहले नए मेडिकल कॉलेजों के लिए नियम था कि उनको एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए प्रथम वर्ष की फैकल्टी के पद भरना ही जरूरी था। लेकिन अब पहले ही वर्ष से कॉलेज के पांचों वर्ष के लिए पद भरना अनिवार्य कर दिया गया है। प्रदेश सरकार ने तीनों मेडिकल कॉलेज में प्रथम वर्ष के लिए आवश्यक 35 से 40 फैकल्टी के पद भरे थे। जबकि एनएमसी के अनुसार, प्रथम वर्ष से ही कॉलेजों में सभी 116 पद भरने जरूरी थे। इस नियम के चलते ही तीनों मेडिकल कॉलेज को इस वर्ष मान्यता मिलने को लेकर खतरा मंडरा गया है।
फिर से निरीक्षण कराने की तैयारी
प्रदेश सरकार तीनों मेडिकल कॉलेज को इसी सत्र से शुरू करना चाहती है। अब चिकित्सा शिक्षा विभाग दोबारा एनएमसी के निरीक्षण कराने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए कॉलेजों की कमियों को दूर करने के लिए प्रयास शुरू कर दिए गए है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त तरुण पिथोड़े का कहना है कि हम एनएमसी की कमियों को दूर कर रहे है। जल्द ही दोबारा एनएमसी को निरीक्षण के लिए निवेदन करेंगे। ताकि इस सत्र से ही तीनों मेडिकल कॉलेज शुरू हो सकें।