खेती के लिये डीएपी से बेहतर है एनपीके उर्वरक - Shivpuri





शिवपुरी - आगामी खरीफ फसल योजना प्रबंधन और आदान व्यवस्था के लिए जिले के कृषि विज्ञान केन्द्र और कृषि विभाग ने संयुक्त रूप से किसान बंधुओं के लिए कृषि योजना के लिए तकनीकी सुझावों दिए है।

उप संचालक कृषि ने बताया कि किसान भाई संतुलित मात्रा में ही उर्वरकों का प्रयोग करें। सभी फसलों के लिए प्रमुख पोषक तत्वों में नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश आवश्यक होते है जिनका सबसे बेहतर विकल्प एनपीके ग्रेड के उर्वरक होते है। जिनका प्रतिशत 12:32:16 या 10:26:26 एवं 16:16:16 इत्यादि प्रति क्विंटल होता है। डीएपी से सस्ता और अच्छा एनपीके उर्वरक है जिसमे पोटाश तत्व भी समावेश होता है। अंधाधुंध उर्वरकों का प्रयोग न करें बल्कि समन्वित प्रबंधन में गोबर की खाद, हरी खाद तथा अनुशंसित मात्रा फसलों के अनुरूप ही उपयोग करें। 

संतुलित उर्वरकों के उपयोग से उत्पादन लागत में कमी के साथ उत्पादकता में वृद्धि और भूमि तथा पर्यावरण के लिए भी आवश्यक है कि एक तरह से उर्वरकों का उपयोग लगातार न करें। जिले के प्रमुख फसलें जैसे मूंगफली, सोयाबीन मे सामान्यतः 20 से 25 कि.ग्रा. प्रति वीघा या 40 से 45 किग्रा./ एकड़ में आधार खाद के रूप प्रयोग करें। आवश्यकता से अधिक उर्वरकों का प्रयोग किसी भी हालत में न करें। यह फसल की लागत बढ़ाने के साथ-साथ मिट्टी की दशा भी खराब करते है तथा फसलों में कीड़े और बीमारियों को भी बढ़ा देते है। और अधिक जानकारी के लिए जिले के कृषि विस्तार अधिकारियों, कृषि विशेषज्ञों एवं कृषि विज्ञान केन्द्र से तकनीकी परामर्श करें।

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