कोलारस - कोलारस के ग्राम हरीपुर में खेरापति हनुमान जी महाराज के स्थान पर चल रहे शत्तचंडी यज्ञ एवं श्रीराम कथा सत्संग के आयोजन मे यज्ञाचार्य पं. नवल किशोर भार्गव (नारायण) जी ने दो एकादशी व्रत की महिमा का फल बताया भगवान विष्णु के परमभक्त राजा हुए हे जिनके राज्य में घोडे को भी घास नही दिया जाता था स्त्री पुरुष बच्चे इनकी तो बात ही अलग अर्थात विष्णुभगवान के परम राजा के राज्य सभी एकादशी का व्रत करते थे व्रत के प्रभाव से सभी बैकुंठ जाने लगे इससे यमराज का यम लोक खाली होने लगा यमराज ब्रह्मा जी के समीप गाए उनसे अपनी व्यथा सुनाई कुछ दिन मे हमारा कार्यकाल तो समाप्त ही हो जाएगा।
ब्रह्माजी सांत्वना दी एवं एक स्त्री प्रगट की उसे महाराज के राज्य मे भेज दी राजा उस स्त्री पर मोहित हो गाए एवं अपनी पत्नी बना ली एवं साथ मे रहने लगी लैकिन जब भी एकादशी आती उन दोनो मे झगडा होता इस स्थिति को देखकर राजा ने रानी का त्याग कर दिया एकादशी का विरोध करने वाली उस रानी को किसी ने शरण नही दी वह रानी ने ब्रह्मा जी से जाकर कहा आपने मुझे क्यो बनाया तब ब्रह्मा जी ने उस अभागिन रानी से कहा जो लोग दशमी विद्धा एकादशी का व्रत करेगा उसका फल तुम्हे प्राप्त होगा अतः जो लोग दशमी विद्धा एकादशी का व्रत करता हे उसका फल व्रत करने वाले को प्राप्त नही होता।
हमेशा दूसरी एकादशी का व्रत करे
हरिपुर में चल रहे सतचंडी महायज्ञ का आज षष्ठम दिवस का कार्यक्रम संपन्न हुआ जिसमे सभी यजमानों ने हवन पूजन करके माँ भगवती श्री राज राजेश्वरी दुर्गा देवी एवं हनुमान जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया,
तथा श्री राम कथा प्रवचन में सभी क्षेत्र वासियों ने बढ़ चढ़ का भाग लिया सभी स्त्रोतागण एवं सभी आगंतुकों ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया सभी भक्तों के ऊपर मां भगवती की कृपा बनी रहे ।
आज छटवे दिन का भंडारा
लक्ष्मण सिंह गुर्जर जिला पंचायत सदस्य एवं सरपंच ग्राम पंचायत टामकी हरिपुर टामकी द्वारा दिया गया
यज्ञकर्ता शंभुबाबा जी का प्रयास जारी एवं सभी सहयोगी पूर्ण विश्वास लगन के साथ मेहनत कर रहे।
जय श्री राधे
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