कोलारस - लुकवासा के समीप स्थित श्री पठार वाले हनुमान जी महाराज पर चल रहे नवकुंडीय यज्ञ एवं श्री शिव महापुराण कथा में हजारों भक्तों ने रुद्राक्ष धारण किए एवं इन रुद्राक्षो का वितरण प्रसिद्ध कथा वाचक श्री बृजभूषण महाराज के द्वारा किया गया एवं आचार्य जी ने सभी भक्तों के लिए रुद्राक्ष वितरण किया आचार्य जी ने बताया कि रुद्राक्ष साक्षात भगवान शिव का स्वरूप है एवं रुद्राक्ष धारण करने मात्र से ही मनुष्य भगवान शिव की कृपा प्राप्त करता है इसलिए मनुष्यों को अपने घर में रुद्राक्ष अवश्य रखना चाहिए अगर हो सके तो रुद्राक्ष की माला अपने गले में धारण करना चाहिए अगर कोई भी मनुष्य एक रुद्राक्ष तीन रुद्राक्ष पांच रुद्राक्ष अथवा ग्यारह रुद्राक्ष अगर अपने शरीर में धारण करता है तो ऐसा मनुष्य भगवान शिव जी का स्वरूप ही माना जाता है रुद्राक्ष की महिमा श्रीशिवमहापुराण में बड़े विस्तार रूप से वर्णन की गई है महाराज जी ने बताया कि रुद्राक्ष साक्षात भगवान शिव जी के नेत्रों से उत्पन्न हुआ है जब शिवजी के अश्रु पृथ्वी पर गिरे तो उन्हीं से रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई है इसलिए यह साक्षात भगवान शिव का अंश है इसको धारण करने मात्र से ही मनुष्य अपने जीवन में उन्नति प्राप्त करता है आपको विदित हो कि पठार वाले हनुमान जी महाराज पर 7 जून से 16 जून तक नवकुंडीय यज्ञ श्रीशिवमहापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है।
जिसमे की समस्त क्षेत्रवासी भक्तगण यज्ञ में शामिल हुए हैं एवं सभी क्षेत्रवासी दान देकर के इस यज्ञ में सम्मिलित हुए हैं कथा का समय प्रतिदिन दोपहर 2:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक किया जाता है इस कथा में क्षेत्र के प्रसिद्ध संत भाटी सरकार भी पधारे एवं उन्होंने अपने आशीर्वचन सभी भक्तों को सुनाएं और सभी को उनका आशीर्वाद प्राप्त हुआ इसमें यज्ञ कर्ता श्री रमेश गिरी महाराज है जो की राईरामेश्वर वाले महंत श्री हरिदत्तगिरी महाराज के शिष्य हैं उनके परिश्रम के द्वारा यह यज्ञ कराया जा रहा है एवं इस यज्ञ में समस्त समाज तथा सभी वर्ग के लोग सभी सनातन धर्मी बढ़ चलकर के भाग ले रहे हैं इस यज्ञ का भंडारा 16 जून को किया जाएगा सभी भक्त अधिक से अधिक संख्या में पधार कर धर्म लाभ अवश्य प्राप्त करें एवं प्रसाद लेने जरूर पधारें।
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