कोलारस - कोलारस विधानसभा क्षेत्र के पूर्वी भाग के क्षेत्र के लिये जीवन दायनी माने जाने वाली सिंध नदी पर प्रदेश सरकार द्वारा कोलारस क्षेत्र के लोगो को पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिये स्टॉप डैम का निर्माण कराया गया स्टॉप डैम के निर्माण होने के बाद वारिश के उपरांत स्टॉप डैमों के गेट बंद होने से क्षेत्र के किसानों से लेकर आस पास के कुऐं, तालाव, बोर डैम के गेट बंद होने के बाद जून माह तक भरे रहते थे किन्तु इस बार रेत माफियाओं को लाभ पहुंचाने के लिये करीब 6 माह पूर्व गेट खोल दिये गये जिसके चलते सिंध नदी में गर्मियों के दौरान भी भरा रहने वाला पानी वह जाने से सिंध नदी सूख गई जिसके चलते कोलारस विधानसभा क्षेत्र के करीब एक सैंकड़ा गांवों के अनेक नलकूप गर्मियों में सूख गये जिसके चलते कोलारस से लेकर कई गांवों में सूखे के हालात पैदा हो जाने से गर्मियों में चारा एवं पीने का पानी न मिलने से अनेक मवेशियों की गर्मियों के दौरान मौत हो गई।
कोलारस विधानसभा क्षेत्र के मध्य से होकर कई वर्ग किमी से सिंध नदी गुजरती है जोकि मढ़ीखेड़ा डैम तक को लवालव भर देती है इस बार वारिश कम हुई जिसके चलते मढ़ीखेड़ा डैम भी नहीं भर सका और बदरवास-कोलारस से होकर गुजरने वाली सिंध नदी के इन दिनों यह हालात है कि नदी में डूढने पर भी पानी देखने को नहीं मिलेगा किन्तु माफियाओं के ट्रेक्टर अवश्य मिल जायेगें माफियाओं को लाभ पहुंचाने के लिये इस बार कम वारिश के बीच सिंध नदी पर बने स्टॉप डैमों के गेट समय से पहले खोल देने से गर्मियों में क्षेत्र के हजारों बोर सूख गये जिसके चलते इस बार कोलारस से लेकर कई गांवों में आम लोगो से लेकर मवेशियों को पीने के पानी तक के लिये संघर्ष करते हुये देखा गया।
कई वर्ष बाद रेत माफियाओं ने कोलारस से लेकर बदरवास तक वारिश से पूर्व हजारों ट्रॉली रेत का अवैध भण्डारण कई स्थानों पर कर रखा है वहीं लोग वारिश के दौरान सिंध की रेत को दो गुने भाव में लोगो को बेचेंगे क्योंकि गर्मियों के दौरान पानी की समस्या हो जाती है जिसके चलते अधिकांश लोग निर्माण कार्य वारिश अथवा सर्दियों में करते है और रेत माफिया उसी का लाभ ऊठाने के लिये गर्मियों में रेत का भण्डारण कर लेते है और वारिश के दौरान उसी रेत को दोगुने दाम में बेचते है कोलारस से लेकर बदरवास में सिंध से लगे हुये करीब एक दर्जन से भी अधिक स्थानों पर माफियाओं द्वारा हजारों ट्रॉली रेत का अवैध भण्डारण किया हुआ है उन्हीं रेत माफियाओं को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से सिंध नदी के स्टॉप डैमों के गेट गर्मी के प्रारम्भ में ही खोल दिये गये यदि गर्मी समाप्त होने के दौरान गेट खोले जाते तो क्षेत्र में सूखे जैसे हालात पैदा न होने पाते।
सिंध नदी से लेकर नलकूपों में गर्मियों के बीच पानी की समस्या होने के कारण चारे से लेकर मवेशियों को पीने के पानी की व्यवस्था न होने के कारण कई गांवों में आवारा प्रकृति के सहारे विचरण करने वाले मवेशियों की चारे एवं पीने के पानी के अभाव में मौत हो गई कई दर्जन गांव के लोगो ने लोकसभा चुनाव के दौरान बताया कि सिंध नदी पर स्टॉप डैम प्रारम्भ होने के बाद पानी की समस्या पहली बार सामने आई है जिसके चलते आम लोगो से लेकर मवेशियों तक को पीने का पानी इस बार उपलब्ध न हो सका जिसके चलते इस बार सबसे ज्यादा मवेशियों की मौत हुई।