शिवपुरी - मई को थाना कोतवाली पर कंट्रोल रूम से जानकारी मिली कि कलेक्ट्रेट परिसर में आग लगी है जो तत्काल सूचना पर कलेक्ट्रेट परिसर में आग बुझाने संबंधी प्रारंभ कार्यवाही कराई गई एवं जिला नाजिर अभिषेक जैन ने रिपोर्ट लेख कराई कि रात्रि करीब 12.18 बजे दो अज्ञात व्यक्तियों ने कलेक्ट्रेट परिसर के पीछे से घुसकर कोई ज्वलनशील पदार्थ खिडकी से अंदर डाला जहां पर कलेक्ट्रेट की महत्वपूर्ण शाखाये भू-अर्जन शाखा यातायात शाखा, वित्त एवं नजूल शाखा शिकायत शाखा एवं नजारत शाखा संचालित थी जो दो अज्ञात व्यक्तियों ने भू-अर्जन शाखा की पीछे की खिड़की से ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगाई है और दोनों भाग गये जो फरियादी की रिपोर्ट पर से तत्काल थाना कोतवाली पर अपराध क्रमांक 374 / 24 धारा 436,34 भादवि 4 संपत्ति नुकसान निवारण अधि. का कायम कर विवेचना में लिया गया ।
घटना स्थल पर आईजी रेंज ग्वालियर एवं पुलिस अधीक्षक एवं अति.पुलिस अधीक्षक व एसडीओपी शिवपुरी घटना स्थल कलेक्ट्रेट में आये जिन्होने ने घटना का बारीकी से जायजा लिया एवं घटना स्थल से आवश्यक सामाग्री जप्त करने एवं आरोपीयों का ट्रेक ज्ञात करने एवं सीसीटीवी फुटेज में दिखे दोनों अज्ञात व्यक्तियों की शीघ्र पहचान कर आरोपियों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिये गये एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा अज्ञात आरोपियों को पकडने हेतु जिले से 30 सदस्यीय टीम का गठन किया गया एवं अज्ञात आरोपियों पर पृथक-पृथक 10-10 हजार रूपये के इनाम घोषित किये गये एवं मौके पर ही एफएसएल टीम द्वारा एवं फिंगर प्रिंट टीम द्वारा घटना स्थल का निरीक्षण किया गया एवं आवश्यक कार्यवाही मौके पर की।
शिवपुरी पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ ने बताया कि शिवपुरी कलेक्टर कार्यालय में आग लगाने के मामले में 18 मई को कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज किया गया था। इस मामले की पड़ताल के दौरान जब कलेक्टर कार्यालय के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए तो दो लोग कलेक्टर कार्यालय में आग लगाते हुए देखे गए इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद 30 सदस्यीय पुलिस टीम बनाई गई अज्ञात आरोपियों पर 10-10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया और जांच शुरू की गई।
पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ ने बताया कि प्रकरण में अभी आरोपियों से पूछता जारी है। तीनों आरोपियों ने पुलिस जांच के दौरान उक्त अपराध करना व घटना करना स्वीकार किया है। शासन की राशि का घपला करने के मामले में रिकवरी के प्रयास में पुलिस जुट गई है। इनके अन्य साथियों को लेकर भी पूछताछ की जा रही है। एसपी ने बताया है कि उक्त प्रकरण में विवेचना और अन्य साक्ष्यों को एकत्रित करने का काम किया जा रहा है। जिसमें भू-अर्जन शाखा से संबंधित दस्तावेजों का मिलान सहित अन्य लोगों की इसमें क्या भूमिका है। इसको लेकर जांच की जा रही है।
सोमवार 20 मई को रूपसिंह परिहार व राहुल परिहार के बारे में मुखविर से पिछोर में होने की जानकारी पता लगी तो तत्काल ही पिछोर जाकर राहुल परिहार को उसके घर फुटेरा से गिरफ्तार किया एवं पूछताछ पर बताया कि उसने रूपसिंह परिहार के कहने पर जितेन्द्र पाल के साथ मिलकर रैकी कर कलेक्ट्रेट में जाकर पैट्रोल व डीजल ले जाकर आग लगाई एवं रूप सिंह ने दस हजार रूपये में काम कराने का वादा किया था जो 1000 /रु दे दिये थे 9000 /रु अभी नहीं दिये थे जो राहुल से सीसीटीवी में दिखाई दे रहे उसके कपडे, घडी, सैण्डल जप्त किये गये है ।
जो दोनों सदिग्धियों की पहचान करने हेतु कलेक्ट्रेट परिसर मौजूद स्टाफ के समक्ष सीसीटीवी फुटेज व रिकार्डिंग दिखाई गई जो कुछ स्टाफ ने उन्हें रूप सिंह परिहार व राहुल परिहार जैसा होना बताया एवं उक्त व्यक्तियों के संबंध में शहर में फुटेज व रिकार्डिंग दिखाई गई जो अपना नाम ना बताने की दशा में मुखविर ने दोनों व्यक्तियों के नाम रूप सिंह परिहार व राहुल परिहार बताये जिन साक्षियों के समक्ष फोटो व वीडियों में दिख रहे व्यक्तियों की पहचान रूपसिंह परिहार व राहुल परिहार के रूप में हुई उन्होने इस बात की पुष्टि भी की कि रूप सिंह, राहुल परिहार के साथ-साथ एक अन्य व्यक्ति जो कद में छोटा था के साथ रात्रि करीवन 11.00 बजे के आसपास पोलो ग्राउण्ड के पास देखा गया है जो प्रथम दृष्टया रूपसिंह परिहार जिसके उपर गबन का भी अपराध दर्ज किया गया एवं अपराध दर्ज होने से पूर्व एवं कलेक्ट्रेट में जिस रात आग लगी उससे पूर्व दिन में रूप सिंह परिहार, राहुल परिहार कलेक्ट्रेट के आसपास दिखे एवं उनके साथ एक अन्य व्यक्ति के दिखने से गंभीर शंका प्रतीत हुई । प्रकरण में रूपसिंह परिहार व राहुल परिहार के संबंध में कलेक्ट्रेट में कार्य करने संबंधी रिकार्ड पता किया तो पता चला कि रूप सिंह परिहार पिछोर में लोअर ओर नदी परियोजना के अंतर्गत कार्य करने वाली प्रायवेट कंपनी मंटेना में काफी समय से ऑपरेटर का काम कर रहा है जिसका मुख्य कार्य परियोजना के अंतर्गत ग्राम वासियों से ली गई जमीन का भुगतान कराने संबंधी दस्तावेज तैयार कराना है एवं बिल का भुगतान हेतु भू-अर्जन शाखा शिवपुरी भेजना है जो भू-अर्जन शाखा में उसके द्वारा भेजे गये एक बिल के संबंध में जिसमें 20 लाख रूपये का बिल का मिलान नहीं हो पा रहा है जिससे पूछताछ चल रही है जिसका भी अपराध रूपसिंह परिहार के विरूद्ध पंजीबद्ध किया जा चुका है प्रकरण में तीसरे आरोपी जितेन्द्र पाल को उसके घर फुटेरा से गिरफ्तार किया गया एवं पूछताछ करने पर रूपसिंह एवं राहुल के साथ मिलकर घटना कारित करना स्वीकार किया एवं रूप सिंह के कहने पर राहुल के साथ मिलकर शिवपुरी कलेक्ट्रेट में आग लगाने की घटना को अंजाम दिया। एवं घटना वक्त के सीसीटीवी में दिखाई दिये कपडे वतोर साक्ष्य जप्त किये गये।
आरोपियों की गिरफ्तारी में प्रमुख भूमिका - संजय चतुर्वेदी एसडीओपी शिवपुरी, प्रशांत शर्मा एसडीओपी पिछोर, रोहित दुबे थाना प्रभारी कोतवाली, गीतेश शर्मा थाना प्रभारी भौंती, उनि. सुमित शर्मा, उनि दीपक पालिया, उनि आदित्य सिंह, उनि साकिर अली, उनि अरविंद छारी, उनि. शिवनाथ सिंह सिकरवार, उनि धर्मेन्द्र जाट सायवर सेल शिवपुरी, उनि रामनिवास शर्मा, सउनि. सतीश, सउनि जितेन्द्र, सउनि अरुण वर्मा, सउनि अजय पाल, सउनि अमृतलाल, प्रआर. गजेन्द्र सिंह, प्रआर विकाश सायवर सेल प्रआर. रविन्द्र सिनोरिया, प्रआर. प्रदीप शर्मा, प्रआर. जानकीलाल, प्रआर. नरेश यादव, प्रआर. रघुवीर, प्रआर. विनय, प्रआर. जागेश सिंह प्रआर. राजेश, प्रआर. दीपचंद, प्रआर. सत्यवीर सिंह, प्रआर. अजय प्रआर. भूपेन्द्र, प्रआर. विजय सिंह, प्रआर. संतोष वैश, प्रआर, शांतिनाथ मिश्रा, प्रआर, छविराज मिश्रा, प्रआर. राजेन्द्र शर्मा, आर. शिवांशु यादव, आर. अजय यादव, आर. भूपेन्द्र यादव, आर. अजीत सिंह, आर. भोला सिंह, आर. हाकिम सिंह, आर. धर्मवीर, आर. अरूण, आर. आनंद की सराहनीय भूमिका रही ।