मध्यप्रदेश की राजनीति पर लोकसभा चुनावों का रंग तेजी से चढ़ रहा है रोज नई सियासी उठापटक देखने को मिल रही है इसी बीच सिंधिया के गढ़ में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी का एक बयान सियासी पारा चढ़ा गया है दिग्विजय सिंह और जीतू पटवारी के गुना सांसद केपी यादव (कृष्णपाल सिंह यादव) को लेकर दिए जा रहे बयान के सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं।
सबसे पहले जानते हैं जीतू पटवारी ने ऐसा क्या कह दिया जो राजनीतिक हलचल बढ़ा रहा है बता दें कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा गुना जिले में प्रवेश कर चुकी है और इसी को लेकर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे उस दौरान गुना लोकसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी को लेकर पूछे एक सवाल पर उन्होंने कहा इस बार भी सिंधिया के सामने केपी यादव जैसा योद्धा ही आएगा बाकी समझ जाओ आप... अब इस बयान के सियासी मायने तलाशे जाने लगे हैं।
क्या लगने लगे कयास
जीतू पटवारी के बयान के बाद अटकलों को और बल मिला हैं कि गुना सांसद केपी यादव कांग्रेस प्रत्याशी हो सकते हैं। बता दें कि बीते लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया जब कांग्रेस से मैदान में थे, तब भाजपा ने केपी यादव पर दांव लगाया था और सिंधिया को पटखनी दी। अब सिंधिया भाजपा में हैं और गुना से उम्मीदवार तय किए गए हैं तो अटकलें लग रही हैं कि यादव और कांग्रेस के बीच कुछ पक तो नहीं रहा।
क्यों जा सकते हैं केपी कांग्रेस में
गुना सांसद केपी यादव और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच के मनमुटाव की खबरें लगातार सामने आती रही हैं। सिंधिया के गुना क्षेत्र में सक्रिय रहने से केपी यादव की पूछपरख कम हुई है। हाल ही में जिस काम का लोकार्पण सिंधिया को करना था, उसे सांसद यादव लोकार्पित कर आए थे। इसके अलावा दिल्ली में भी उन्हें उतनी तवज्जो नहीं मिल रही। कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस उनसे संपर्क कर सकती है और सिंधिया के खिलाफ मैदान में ला सकती है। उन्हें लेकर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने हमदर्दी भी जताई है।
कौन हैं केपी यादव
गुना सांसद केपी यादव पहले कांग्रेस में ही रहे हैं। केपी ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रतिनिधि थे। 2019 में सिंधिया के खिलाफ भाजपा ने केपी को उतारा था, तब उनकी सिंधिया के साथ सेल्फी लेने की तस्वीर जमकर वायरल हुई थी। केपी यादव के नेटवर्क और भाजपा की रणनीति ने गुना में बड़ी जीत दर्ज की थी। केपी यादव का बयान भी सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने कहा है कि कांग्रेसी उम्मीदवार के रूप में गुना में सिंधिया के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने की बात बेकार है। पार्टी ने जो निर्णय लिया है, मैं उसका स्वागत करता हूं। यादव ने साफ शब्दों में कहा कि मैं कांग्रेस में नहीं जाऊंगा।
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