भगवान शिव की आराधना करने वाला भक्त कभी दुखी नहीं रहता। भगवान भोलेनाथ हर भक्त की सुनते हैं। भोले की भक्ति में शक्ति होती है। भगवान भोलेनाथ कभी भी किसी भी मनुष्य की जिंदगी का पासा पलट सकते हैं। बस भक्तों को भगवान भोलेनाथ पर विश्वास करना चाहिए और उनकी प्रतिदिन आराधना करनी चाहिए। भक्ति हम भी प्रतिदिन करते है और भगवान से प्रार्थना करते है कि सभी के संकट दूर करें। स्त्री की गोद और पुरुष की जेब कभी खाली नहीं रहनी चाहिए, अगर खाली रह जाए तो दुनिया जीने नहीं देती है, ताने देती है। उक्त विचार चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में रुद्राक्ष महोत्सव 2024 के अंतर्गत सात दिवसीय शिव महापुराण के तीसरे दिन अंतरराष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने व्यक्त किए।
कर्म की गति का भोग भोगना ही होता है -
पंडित मिश्रा ने कहा कि कर्म की गति का भोग हमें भोगना पड़ता है। मिठाई और दवाई में अंतर है, हम मिठाई अपनी मर्जी से सेवन करते है, लेकिन दवाई डॉक्टर की सलाह से लेते है। जन्म लेने के बाद इस शरीर को पाने के बाद दुनिया के सारे दुख, सारी तकलीफे, सारे कष्ट, सारे रोग, बिमारी और दुख हमारे जीवन में जो-जो लिखा होगा वो सब आएगा। लेकिन ऐसा नहीं है कि दुख ही दुख मिलेगा। शिव महापुराण की कथा कहती है जैसे दिन होता है रात होती है, धूप होती है छांव होती है, ठीक उसी तरह सुख होता है दुख होता है। उस सुख और दुख के बीच में अगर किसी ने भगवान का गुणगान कर लिया उसने भगवान का भजन कर लिया उसकी जिंदगी सार्थक हो जाती है और उसका जीवन आनंदित हो जाता है।
इंसान नहीं वक्त खराब होता है
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि इंसान कभी भी खराब नहीं होता उसका समय खराब होता है इसलिए समय को समझें और ऐसे समय को निकलने दें। यह एक समय चक्र होता है, जो हर इंसान की जिंदगी में आता है इसलिए ऐसे खराब समय में विवेक से कार्य करें। शिव महापुराण कथा कहती है कि भगवान भोलेनाथ बहुत भोले हैं, उनको पाने के लिए किसी तंत्र, मंत्र, बहुत साधना और बहुत घंटों की अराधना और पूजा से नहीं, बल्कि केवल एक लौटा जल लेकर भगवान शंकर को समर्पित कर दें और सारी समस्या का हल हो जायेगा। शनिवार को लाखों की संख्या में आए श्रद्धालुओं ने पूरी भक्ति भाव से कथा में जारी भजनों का आनंद लिया। इस मौके पर पंडित मिश्रा ने शिव शंकर जपु तेरी माला, भोला सब दुख काटों, खाली ना जाता कोई दर से तुम्हारें, अपने हृदय से लगा लो आदि भजनों की सुंदर प्रस्तुति देकर भक्ति का रस बहाया।