कोलारस - गुना लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने यादवेन्द्र यादव को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है गुना लोकसभा क्षेत्र में यादव समाज का बोट बैंक बहुसंख्यक होने के साथ-साथ जीत हार में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता रहा है पिछले लोकसभा के चुनाव में भी भाजपा ने यादव कार्ड चला था जिसके दम पर गुना लोकसभा से सांसद केपी यादव चुनाव जीते थे वही कार्ड इस बार के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने चला है स्थानीय होने के साथ-साथ बहुसंख्यक यादव समाज एवं नाराज चल रहे किरार समाज के साथ - साथ ओबीसी एवं अल्पसंख्यक बोटो को अपने पक्ष में करने में यादवेन्द्र यादव सफल होते है तो गुना लोकसभा का चुनाव पिछले चुनाव की तरह रोचक हो सकता है।
गुना लोकसभा जिसके अंतर्गत तीन जिलों की आठ विधानसभा सीटे आती है इस समय गुना लोकसभा ही नहीं वल्कि देश में राम मंदिर बनने के बाद भाजपा के पक्ष में माहौल है उसके ऊपर से ज्योतिरादित्य सिंधिया का गुना लोकसभा क्षेत्र में निरंतर सम्पर्क की बदौलत भाजपा के लोग गुना लोकसभा सीट को भाजपा के खाते में मानकर चल रहे है इसी बीच कांग्रेस ने बुधवार को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है कांग्रेस का प्रत्याशी स्थानीय होने के साथ-साथ अशोकनगर जिले में अपना प्रभाव रखते है बहुसंख्यक यादव समाज के साथ-साथ नाराज किरार समाज सहित ओबीसी एवं अल्पसंख्यक, एससी बोटो को कांग्रेस अपने पक्ष में लाने का दम भर रही है यदि कांग्रेस प्रत्याशी इन सभी समाजों के बोटो को साधने में कामयाव हो पाते है तो गुना लोकसभा में पिछले चुनाव की तरह यादव प्रत्याशी महल को टक्कर देने में कामयाव हो पाऐगा और यदि कांग्रेस प्रत्याशी इन समाज के बोटो को अपने पक्ष में करने में सफल नहीं हो पाये तो कांग्रेस प्रत्याशी चुनावी रेस में पिछड़ सकते है।
विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली जीत के मतों का अंतर घटने की संभावना - गुना लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली आठ विधानसभा सीटों में कोलारस विधानसभा सीट भी शामिल है कोलारस विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी करीब 51 हजार मतों से चुनाव जीतने में सफल हुये थे किन्तु लोकसभा के चुनावों में 51 हजार मतों की लीड बनाने में भाजपा कामयाव होती नजर नहीं आ रही उसके कई कारण है जिनमें कांग्रेस के प्रत्याशी के समाज का काफी बोट बैंक होना, किरार, ब्राह्राण, रघुवंशी समाज के अधिकतर लोगो की भाजपा से दूरी बनाना, अल्पसंख्यक एवं एससी वर्ग की भाजपा से दूरी एवं ओबीसी समाज का प्रत्याशी होने के कारण ओबीसी बोट बैंक का झुकाब होने के साथ - साथ कोलारस में भाजपा की सरकार बनने के बाद चल रही खुलेआम लूट-खसोट से जनता में नाराजगी के चलते विधानसभा के चुनावों में मिली भाजपा को 51 हजार मतों की लीड लोकसभा के चुनावों में घटने की संभावना नजर आ रही है।