मध्य प्रदेश के नए लोकायुक्त जस्टिस सत्येंद्र कुमार सिंह होंगे। सामान्य प्रशासन विभाग ने शनिवार को उनकी नियुक्ति को लेकर आदेश जारी किए। वह मौजूदा लोकायुक्त नरेश कुमार गुप्ता की जगह प्रभार संभालेंगे। हालांकि, उनके शपथ लेने से पहले ही उनकी नियुक्ति पर विवाद खड़ा हो गया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सीएम को पत्र लिखकर उनकी नियुक्ति को अवैध बताया है।
नेता प्रतिपक्ष ने इसको लेकर कहा कि मध्य प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति निश्चित रूप से जनहित का कार्य है। सरकार द्वारा एक नाम पर अपना अंतिम निर्णय लेकर लोकायुक्त नियुक्ति की अधिसूचना नौ मार्च को जारी कर दी गई है, जिसमें मुझ नेता प्रतिपक्ष से कोई परामर्श नहीं लिया गया। सरकार द्वारा लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए अपनाई गई उक्त प्रकिया विधि संगत न होकर अवैध है। लोकायुक्त पद पर नियुक्ति के संबंध में आवश्यक शर्त मध्य प्रदेश लोकायुक्त एवं उप-लोकायुक्त अधिनियम, 1981 की धारा 3 (1) के परंतुक (क) में परिभाषित है, जिसके अनुसार महामहीम राज्यपाल महोदय द्वारा लोकायुक्त पद पर नियुक्ति माननीय मुख्य न्यायाधीश, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय सहित नेता प्रतिपक्ष से परामर्श लेने के उपरांत ही की जाना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने सीएम डॉ. मोहन यादव को लिखकर यह अपील की है कि सरकार द्वारा विधि की प्रकिया का पालन किए बिना लोकायुक्त की नियुक्ति के संबंध में अवैध रूप से जारी अधिसूचना तत्काल प्रभाव से निरस्त की जाए। उन्होंने आगे लिखा कि नेता प्रतिपक्ष के रूप में सरकार द्वारा किए गए उपरोक्त अवैध कार्य पर मेरी मौन स्वीकृति जनतंत्र एवं जनहित में नहीं होगी। नेता प्रतिपक्ष के रूप में मध्य प्रदेश की जनता के प्रति मेरे जो भी दायित्व हैं, उनके प्रति मैं संकल्पित एवं प्रतिबद्ध हूं एवं जनता के प्रति अपने उन सभी कर्तव्यों का मैं पूर्ण निष्ठा से पालन करूंगा। सिंघार ने सीएम से यह भी अनुरोध किया है कि लोकायुक्त नियुक्ति की प्रक्रिया पुनः विधि अनुसार संपादित कर मेरे परामर्श उपरांत पूर्ण की जाए, जिससे मध्य प्रदेश को एक विद्वान, विधि विशेषज्ञ, ईमानदार एवं निष्पक्ष लोकायुक्त प्राप्त हो सके।