मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के उटीला गांव निवासी 85 साल के बुजुर्ग बालकृष्ण गुर्जर ने युवा पीढ़ी को एक जिम्मेवार नागरिक होने का एहसास कराया है। शनिवार को लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गई। इसके साथ ही उटीला के बालकृष्ण गुर्जर अपने साथियों के साथ थाने में लाइसेंसी हथियार जमा कराने पहुंच गए। इसके लिए न तो पुलिस को कोई अपील करनी पड़ी और न ही किसी ने उन्हें प्रेरित किया। स्वप्रेरणा से बालकृष्ण गुर्जर एक हाथ में डंडा और दूसरे में बंदूक लिए थाने पहुंच गए।
थाने में मौजूद एसडीएम, ग्वालियर एसडीओपी संतोष पटेल और थाना प्रभारी चौंक गए। इसके बाद उन्होंने बुजुर्ग को सम्मान के साथ कुर्सी पर बैठाया और उनका पुष्पहार से स्वागत किया। इसके साथ स्वेच्छा से ही ग्रामीणों ने दीवार पर लिखे पोस्टर बैनर हटाए। अपनी गाड़ियों से काली फिल्म भी हटाई। इसके बाद सभी लोग ढोल बजाकर क्षेत्र में पहुंचे। जहां उन्होंने पुलिस के साथ फ्लैग मार्च भी निकाला। बुजुर्ग ने सभी से आदर्श आचार संहिता का पालन करने का अनुरोध किया है।
गौरतलब है कि ग्वालियर चंबल अंचल में प्रदेश में सबसे ज्यादा शस्त्र लाइसेंसी बंदूकें हैं। अंचल में लगभग एक लाख से अधिक लाइसेंसी बंदूकें हैं, यही कारण है कि लोग इन बंदूकों का सबसे ज्यादा प्रयोग अपने मान सम्मान और स्टेटस सिंबल के रूप में करते हैं। यहां सबसे ज्यादा शादियों में लोग कंधों पर बंदूक टांग कर और रुतबा-रौब दिखाने के लिए जाते हैं।
आगामी समय में लोकसभा का चुनाव है, ऐसे में कुछ दिनों बाद सभी शस्त्र और लाइसेंसी हथियार जमा किए जाने हैं। लेकिन इससे पहले ही यह बुजुर्ग अपने आप ही अपनी बंदूक को लेकर थाने में पहुंचा था। अंचल में पुलिस के निर्देश और अपील के बाद भी यहां बंदूक का मोह नहीं छूटता है। लोग बड़ी मुश्किल से थाने में अपने हथियार जमा कराते हैं।
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