रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दूसरे दिन रामलला की चांदी की मूर्ति को परिसर का भ्रमण कराया गया है पहले बताया गया था कि रामलला की अचल मूर्ति को रामजन्मभूमि परिसर में भ्रमण कराया जाएगा, लेकिन अभी तक रामलला की अचल मूर्ति को परिसर में नहीं पहुंचाया गया है देर रात तक अचल मूर्ति परिसर में प्रवेश करेगी।
वहीं दोपहर में वैदिक आचार्यों ने चांदी की रामलला की मूर्ति को नवनिर्मित मंदिर परिसर का भ्रमण कराकर यज्ञमंडप में विराजित कर दिया गया है देर रात अचल मूर्ति को गर्भगृह में बने सिंहासन पर स्थापित किया जा सकता है आचार्यों का कहना है कि अब 18 जनवरी को ही मूर्ति को उसके आसन पर विराजित किया जाएगा।
अपने ''लल्ला'' के प्रति उमड़ा मातृ शक्तियों का प्रेम
प्रभु श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले बुधवार को महिलाओं ने जल कलश यात्रा निकाली। कलश यात्रा के जरिये महिलाओं ने अपने लल्ला यानी रामलला के प्रति अपार प्रेम दर्शाया। इस यात्रा में 500 से अधिक महिलाएं शामिल रहीं। बुधवार को प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान का दूसरा दिन रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आह्वान पर समूचा समाज इस आयोजन से जुड़ गया है। श्रीराम नगरी में अयोध्या महानगर की महिलाओं ने सुबह सरयू तट से यात्रा का शुभारंभ किया। श्रीराम की पताका फहराते, सिर पर कलश में भरा मां सरयू का जल लेकर महिलाएं राम धुन पर झूमते व जय श्रीराम का जयघोष करते निकलीं। पीले वस्त्र में निकले महिलाओं का समूह देखकर लग रहा था मानो रामनगरी ने जैसे पीतांबरी ओढ़ ली हो।
यात्रा महापौर महंत गिरीश पति त्रिपाठी के संयोजन में निकाली गई। इसका नेतृत्व महापौर की धर्मपत्नी रामलक्ष्मी त्रिपाठी ने किया। महापौर ने कहा कि हमारे आराध्य प्रभु श्रीराम अपने नूतन आवास में प्रवेश कर रहे हैं। इसकी खुशी हम सभी को है। यह आयोजन अयोध्या की मातृ शक्ति का है। यह यात्रा मातृ शक्तियों का अपने आराध्य अपने लल्ला के प्रति प्रेम है। यात्रा में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की धर्मपत्नी नम्रता पाठक, जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह समेत 500 से अधिक महिलाएं शामिल रहीं।
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