हाल ही में संपन्न पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा को हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में जीत मिली जहां मध्य प्रदेश में भाजपा ने सत्ता को बरकरार रखते हुए अपनी स्थिति को और मजबूत किया तो राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से सरकारें छीन ली 3 दिसंबर को नतीजे सामने आने के बाद हफ्तेभर से ज्यादा समय तक भाजपा ने मुख्यमंत्रियों ने नाम पर सस्पेंस बनाए रखा हालांकि, 12 दिसंबर आते-आते भाजपा ने तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री के चेहरे घोषित किए जिसने सभी को चौंकाया।
मध्य प्रदेश में भाजपा ने चार बार के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान को हटाकर उनके ही कैबिनेट में शिक्षा मंत्री रहे डॉ. मोहन यादव को कमान दे दी दूसरी ओर राजस्थान में तीन बार के प्रदेश महामंत्री रहे भजन लाल शर्मा के सिर ताज सजा दिया इस बीच सियासी गलियारों में सबसे ज्यादा चर्चा उन नेताओं की होने लगी है जिन्हें भाजपा ने इस बार मौका नहीं दिया। इसके साथ ही चर्चा उन दिग्गज चेहरों की भी है जो अपना चुनाव हार गए हैं।
आइए जानते हैं कि ये दस बड़े चेहरे कौन हैं? शिवराज सिंह, वसुंधरा, समेत भाजपा के तमाम बड़े चेहरों का भविष्य क्या है?
शिवराज सिंह
बतौर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चार बार यह बड़ी जिम्मेदारी संभाली 29 नवंबर 2005 से शुरू हुआ सफर 12 दिसंबर 2018 तक अनवरत जारी रहा 2018 के विधानसभा में कम अंतर वाली हार ने उन्हें 15 महीने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बना दिया हालांकि, सिंधिया गुट की बगावत के कारण 23 मार्च 2020 को शिवराज को एक बार फिर प्रदेश की कमान मिली, जो 11 दिसंबर 2023 तक जारी रही इस बार राज्य में भाजपा को प्रचंड बहुमत दिलाने में अहम भूमिका दिलाने वाले शिवराज मुख्यमंत्री नहीं बनाए गए।
इसके बाद सियासी गलियारों में 64 वर्षीय शिवराज के भविष्य को लेकर कई तरह के सवाल चलने लगे हैं इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक निजी चैनल के कार्यक्रम में कहा, 'उन्हें (शिवराज सिंह चौहान समेत पार्टी नेताओं को नई जिम्मेदारी दी जाएगी वे हमारे बड़े नेता हैं उन्हें उनके कद के मुताबिक जिम्मेदारी दी जाएगी।'
सियासी विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा अब उन्हें केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है या तो केंद्रीय मंत्रीमंडल में उन्हें जगह मिल सकती है या फिर संगठन में कोई बड़ा पद दिया जा सकता है इससे पहले 2018 में विधानसभा चुनाव की हार के बाद उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद मिला था।
बतौर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चार बार यह बड़ी जिम्मेदारी संभाली 29 नवंबर 2005 से शुरू हुआ सफर 12 दिसंबर 2018 तक अनवरत जारी रहा 2018 के विधानसभा में कम अंतर वाली हार ने उन्हें 15 महीने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बना दिया हालांकि, सिंधिया गुट की बगावत के कारण 23 मार्च 2020 को शिवराज को एक बार फिर प्रदेश की कमान मिली, जो 11 दिसंबर 2023 तक जारी रही इस बार राज्य में भाजपा को प्रचंड बहुमत दिलाने में अहम भूमिका दिलाने वाले शिवराज मुख्यमंत्री नहीं बनाए गए।
इसके बाद सियासी गलियारों में 64 वर्षीय शिवराज के भविष्य को लेकर कई तरह के सवाल चलने लगे हैं इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक निजी चैनल के कार्यक्रम में कहा, 'उन्हें (शिवराज सिंह चौहान समेत पार्टी नेताओं को नई जिम्मेदारी दी जाएगी वे हमारे बड़े नेता हैं उन्हें उनके कद के मुताबिक जिम्मेदारी दी जाएगी।'
सियासी विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा अब उन्हें केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है या तो केंद्रीय मंत्रीमंडल में उन्हें जगह मिल सकती है या फिर संगठन में कोई बड़ा पद दिया जा सकता है इससे पहले 2018 में विधानसभा चुनाव की हार के बाद उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद मिला था।
Tags
National