कोलारस - विधानसभा के चुनावों के बाद जिस प्रकार बिहार में पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी के स्थान पर भाजपा ने नया प्रयोग करते हुये गठवंधन की सरकार में सुशील मोदी को घर बैठालते हुये दो नये उप-मुख्यमंत्री बनाकर नीतेश कुमार के साथ गठवंधन की सरकार भाजपा ने बिहार में नये प्रयोग के रूप में चलाने का निर्णय लिया था भाजपा का निर्णय बिहार में गलत सावित हुआ और भाजपा के गठवंधन से चलने वाली सरकार कुछ महिनों में ही गिर गई और नीतेश कुमार ने लालू यादव की पार्टी से गठवंधन करके बिहार में पुनः नई सरकार चलाने का निर्णय लिया कुल मिलाकर भाजपा के द्वारा पुराने नेता सुशील मोदी के स्थान पर नये नेताओं का प्रयोग भाजपा के लिये खतरे की घण्टी सावित हुआ और बिहार की तरह ही मध्यप्रदेश एवं राजस्थान से लेकर छत्तीसगढ में पूर्व मुख्यमंत्रियों को घर बैठालकर भाजपा ने जो प्रयोग किया है वह आने वाले लोकसभा के चुनावों में भाजपा के लिये वर्तमान से कम लोकसभा की सीटे आती है तो बिहार की तरह तीनों राज्यों में खतरे की घण्टी से कम नहीं होगा।
जिस प्रकार बिहार में केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा नया प्रयोग करते हुये सुशील मोदी के स्थान पर नये उप-मुख्यमंत्री बनाये थे वह प्रयोग भाजपा के लिये मुसीवत भरा सावित हुआ और उसके बाद भी लोकसभा चुनावों से ठीक पहले मध्यप्रदेश में लाड़ली वहना के बोटो के सहारे भाजपा की सरकार की पुनः बापसी दिलाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बिहार के सुशील मोदी की तरह घर बैठाला गया और पूर्व मंत्री को मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री बनाया गया इतना ही नहीं घर बैठकर लगातार नौवीं बार चुनाव जीतने वाले पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव सहित कई वरिष्ठ पूर्व मंत्रियों को मंत्री मंडल की जगह विधायक बनाकर भाजपा ने बिहार की तरह जो मध्यप्रदेश में नया प्रयोग करने का निर्णय लिया है वह आने वाले लोकसभा के चुनावों में भाजपा के लिये बिहार की तरह नुकसानप्रद सावित हो सकता है क्योंकि भाजपा के नये उपयोग से ब्राह्राण, किरार अगड़े एवं पिछडे़ भाजपा के निर्णय से नाराज दिखाई दे रहे है और लोकसभा के चुनावों में 06 माह से कम का समय शेष बचा है भाजपा का वरिष्ठ मंत्रियों को विधायक बनाकर घर बैठालना बिहार की तरह मध्यप्रदेश में भी लोकसभा की 29 सीटों पर हानिकारक सावित हो सकता है।