शिवपुरी और कोलारस विधानसभा के अभ्यर्थियों के लिए व्यय लेखा प्रशिक्षण संपन्न - Shivpuri

शिवपुरी - विधानसभा निर्वाचन 2023 में व्यय लेखा पर निगरानी  के लिए विधानसभा क्षेत्र कोलारस और शिवपुरी के अभ्यर्थियों के लिए व्यय लेखा प्रशिक्षण आयोजित किया गया। 

इस प्रशिक्षण में विधानसभा क्षेत्र शिवपुरी, कोलारस और पिछोर के व्यय प्रेक्षक प्रमोद कुमार वर्मा ने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 27 (1) के अनुसार राज्य विधानसभा के प्रत्येक अभ्यर्थी के लिए नामांकन की तारीख से निर्वाचन के परिणाम की घोषणा की तारीख के मध्य अभ्यर्थी द्वारा या उनके निर्वाचन एजेंट द्वारा उपगत या प्राधिकृत किये गये सभी व्ययों का पृथक एवं सही लेखा निर्वाचन आयोग द्वारा उपलब्ध कराये गये रजिस्टर में विधिवत रखना होगा। प्रत्येक अभ्यर्थी को निर्वाचन घोषित होने के 30 दिन के अंदर जिला निर्वाचन अधिकारी के पास अपने निर्वाचन व्यय के लेखे दाखिल करने होंगे।

समस्त राशि पृथक खोले गये बैंक खाते में जमा करने के उपरान्त बैंक खाते के माध्यम से ही चेक/ड्राफ्ट आरटीजीएस/एनईएफटी के माध्यम से भुगतान करने होगें। 10 हजार रूपए से अधिक किसी एक व्यक्ति/पार्टी पूरे निर्वाचन में नगद भुगतान नहीं किया जाएगा।

विधानसभा अभ्यर्थी के लिये व्यय की अधिकतम सीमा 40 लाख निर्धारित की गई है। प्रत्येक अभ्यर्थी को चुनाव प्रचार अवधि में कम से कम तीन बार व्यय रजिस्टर का निरीक्षण व्यय प्रेक्षक महोदय को अवलोकन कराना आवश्यक होगा यदि कोई अभ्यर्थी निर्धारित समय सीमा में व्यय लेखा जमा करने में असफल होता है तो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 10 क के अधीन उसके विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी और उसे सम्यक प्रक्रिया का पालन करते हुए अयोग्य घोषित किया जाकर 3 वर्ष की अवधि के लिए निरहित किया जाएगा। जिला निर्वाचन अधिकारी दवारा परिणा्मों की घोषणा की तारीख के 26 वें दिन लेखा समाधान की बैठक आयोजित की जायेगी, जिसमे अभ्यर्थी द्वारा लेन देन लेखा व शेड़ो रजिस्टर में मिलान किया जाएगा। 

स्टार प्रचारक का व्यय जिले के अंतर्गत स्टार प्रचारक द्वारा आमसभा की जाती है एवं उसमें स्टेज पर जितने भी अभ्यर्थी उपस्थित होंगे, आम सभा का व्यय उनमें समान रूप से विभाजित किया जाएगा। निर्वाचन में उपयोग में लाये गये वाहन, निर्वाचन प्रचार कार्यालय एवं आमसभा की पूर्व अनुमति रिटर्निंग अधिकारी से प्राप्त की जाएगी एवं सभी अनुमति की प्रति व्यय लेखा प्रस्तुत करते समय प्रस्तुत करनी होगी। व्यय की दरें जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा अनुमोदित दरों से कम नहीं होना चाहिए। 


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