राजस्थान में इन दिनों विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा गर्म है राज्य में नामांकन की प्रक्रिया खत्म होने के साथ ही सभी सीटों पर चेहरों की तस्वीर साफ हो गई है इस बीच कई ऐसे घटनाक्रम आए हैं जिनसे राजस्थान का विधानसभा दिलचस्प हो चला है कहीं 20 से अधिक बार हारने वाला प्रत्याशी चुनाव मैदान में है, तो कहीं जमीन बेचकर चुनाव लड़ रहा है।
एक साथ खेले कूदे, पढ़ाई-नौकरी की, अब सियासी मैदान में
राजस्थान के रण में की जयपुर जिले में आने वाली बस्सी विधानसभा सीट की खूब चर्चा हो रही है इस सीट की लड़ाई इसलिए चर्चा का विषय बनी हुई, क्योंकि यह उतरे प्रत्याशी कभी जिगरी दोस्त हुआ करते थे यहां कांग्रेस ने पूर्व आईपीएस लक्ष्मण मीणा को चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा ने रिटायर्ड आईएएस चंद्र मोहन मीणा को टिकट थमाया है।
राजस्थान के रण में की जयपुर जिले में आने वाली बस्सी विधानसभा सीट की खूब चर्चा हो रही है इस सीट की लड़ाई इसलिए चर्चा का विषय बनी हुई, क्योंकि यह उतरे प्रत्याशी कभी जिगरी दोस्त हुआ करते थे यहां कांग्रेस ने पूर्व आईपीएस लक्ष्मण मीणा को चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा ने रिटायर्ड आईएएस चंद्र मोहन मीणा को टिकट थमाया है।
लक्ष्मण और चंद्रमोहन का बचपन साथ में गुजरा दोनों आपस में रिश्तेदार हैं और इनके गांव भी आसपास ही हैं दोनों ने एक ही स्कूल और एक ही कॉलेज से पढ़ाई की जब 1980-बैच के अधिकारी चंद्रमोहन 1988 से 1990 तक जालोर कलेक्टर थे, तो 1982-बैच के अधिकारी लक्ष्मण वहां के जिला एसपी थे जब चंद्रमोहन 2000 से 2002 तक बीकानेर संभागीय आयुक्त बने, तो लक्ष्मण को बीकानेर रेंज आईजीपी नियुक्त किया गया।
लक्ष्मण स्वैक्षिक सेवानिवृत्ति लेकर 2009 में सियासत में आए, जबकि चंद्रमोहन ने 2014 में सेवानिवृत्त होकर राजनीति में आए सेवानिवृत्ति के बाद लक्ष्मण बस्सी से विधायक रहे हैं, जबकि चंद्रमोहन पहली बार चुनाव मैदान में हैं।
लक्ष्मण स्वैक्षिक सेवानिवृत्ति लेकर 2009 में सियासत में आए, जबकि चंद्रमोहन ने 2014 में सेवानिवृत्त होकर राजनीति में आए सेवानिवृत्ति के बाद लक्ष्मण बस्सी से विधायक रहे हैं, जबकि चंद्रमोहन पहली बार चुनाव मैदान में हैं।
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किसी और को राजनीति का हक नही
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