देवउठनी एकादशी को देवोत्थान एकादशी और देव प्रबोधिनी एकादशी भी कहते हैं देवउठनी ग्यारस इस दिन देव यानी श्रीहरि विष्णु उठ जाते हैं इस दिन से चातुर्मास समाप्त हो जाता है। इसके बाद से सभी तरह के मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं।
इस साल विवाह के 12 मुहूर्त हैं, जबकि नए साल में देव शयन के पहले 38 मुहूर्त शुभ हैं सीहोर के स्वर्ण पदक प्राप्त ज्योतिषाचार्य ज्योतिष पदम भूषण डॉ. पंडित गणेश शर्मा ने बताया कि इस बार विवाह मुहूर्त इस प्रकार रहेंगे।
- नवंबर 2023 विवाह मुहूर्त : 23, 24, 27, 28 और 29 नवंबर को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं यानी कुल पांच शुभ दिन उपलब्ध हैं।
- दिसंबर 2023 विवाह मुहूर्त : 5, 6, 7, 8, 9, 11 और 15 दिसंबर को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं यानी कुल सात शुभ दिन उपलब्ध हैं।
- जनवरी 2024 विवाह मुहूर्त : 16, 17, 20, 21, 27, 28, 30 और 31 जनवरी को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं। यानी कुल आठ शुभ दिन उपलब्ध हैं।
- फरवरी 2024 विवाह मुहूर्त : 4, 6, 7, 8, 12, 13, 17, 24, 25, 26 और 29 फरवरी को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं यानी कुल 11 शुभ दिन उपलब्ध हैं।
- मार्च 2024 विवाह मुहूर्त : 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 10, 11 और 12 मार्च को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं यानी कुल 10 शुभ दिन उपलब्ध हैं।
- अप्रैल 2024 विवाह मुहूर्त : 18, 19 और 20 अप्रैल को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं यानी कुल तीन शुभ दिन उपलब्ध हैं।
- मई, जून में कोई दिन उपलब्ध नहीं है।
- जुलाई 2024 विवाह मुहूर्त : 9, 11, 12, 13, 14 और 15 जुलाई को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं यानी कुल छह शुभ दिन उपलब्ध हैं।
- जुलाई में देव सो जाएंगे।
पंडित गणेश शर्मा ज्योतिषाचार्य ने बताया कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी देव उठनी एकादशी के दिन देवता जागृत हो जाते हैं इस दिन श्रीहरि विष्णु चार माह की योगनिद्रा से जाग जाते हैं इस दिन से सभी तरह के मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं इस दिन तुलसी माता और शालिग्राम का विवाह होता है एवं उनकी पूजा होती है।
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