भाजपा, कांग्रेस, बसपा तीनों ही प्रत्याशियों को जीत का भरोसा, क्या हारने वाले दल करेंगे बागियों पर कार्यवाही - Kolaras


कोलारस - कोलारस विधानसभा चुनावों की मतगणना से पूर्व भाजपा, कांग्रेस, बसपा तीनों ही दलों के उम्मीदवारों को समर्थकों ने जीत का भरोसा दिया है जीत तीनों में से एक ही होना है यह तय है बस परिणाम के लिये हमें 12 दिन का इंतजार करना होगा उसके बाद ही तस्वीर आगामी 03 दिसम्बर को हमारे सामने होगी कोलारस विधानसभा क्षेत्र का प्रथम नागरिक कौन बनेगा इसका निर्णय मतदाता कर चुके है किन्तु कोलारस विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में मौजूद 12 उम्मीदवारों में से 3 उम्मीदवारों को जीत का भरोसा उनके समर्थकों ने दिया है और तीनों ही दलों के उम्मीदवारों को 10 हजार से ऊपर जीत का भरोसा है। 

कोलारस विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार महेन्द्र यादव को उनके समर्थकों ने 10 हजार से ऊपर मतों से जीत का भरोसा दिया है भाजपा कार्यकर्ताओं से लेकर उनके समर्थकों का मानना है कि लाड़ली वहना योजना का लाभ कोलारस विधानसभा क्षेत्र में मिला है और 90 हजार से अधिक महिला मतदाताओं में से 50 प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया है जिसके चलते भाजपा कार्यकर्ताओं को जीत का पूरा भरोसा है। 

कांग्रेस उम्मीदवार बैजनाथ सिंह यादव को कांग्रेस नेताओं से लेकर उनके समाज भाईयों को पूरा भरोसा है कि यादव समाज का 75 प्रतिशत मत कांग्रेस उम्मीदवार के खाते में गया है भाजपा की 18 साल के विरोध का मत एवं कर्मचारियों का मत कोलारस विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार को मिला है जिसके चलते कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को कोलारस विधानसभा क्षेत्र में 12 हजार से भी अधिक मतों से जीत का भरोसा है जिसको लेकर सोशल मीड़िया पर पोस्ट भी की जा रही है। 

बसपा उम्मीदवार नवल सिंह धाकड़ के कार्यकर्ताओं का मानना है कि धाकड़ समाज कोलारस विधानसभा क्षेत्र में बहुसंख्यक है जिसका 90 प्रतिशत मत बसपा उम्मीदवार को मिला है इसके अलावा बसपा के मूल बोट बैंक को जोड़ दिया जाये तो बसपा को जीत के लिये अनुमानित 60 हजार से भी अधिक मत मिलने के साथ जीत का भरोसा है। 

क्या हारने वाले दल करेंगे बागी कार्यकर्ताओं पर कार्यवाही - 

कोलारस विधानसभा क्षेत्र के लिये मतदान सम्पन्न हो चुका है 03 दिसम्बर की शाम तक भावी विधायक का नाम भी हमारे सामने आ जायेगा भाजपा, कांग्रेस, बसपा तीनों ही दलों के उम्मीदवारों को जीत का भरोसा है क्या जीतने वाले दल को छोड़कर शेष दो दलों के बागी कार्यकर्ताओं पर कार्यवाही होगी और यदि कार्यवाही नहीं हुई तो अप्रैल माह में होने वाले लोक सभा के चुनाव में बागी क्या फिर से बगावत का गुल खिलाऐंगे यह 03 दिसम्बर के बाद देखने वाली तस्वीर होगी कि बागियों पर कार्यवाही शेष दो दलों के साथ-साथ जीतने वाले उम्मीदवार के दल के बागियों पर कार्यवाही हो पाती है अथवा नहीं। 


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