भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए राजधानी भोपाल में एक और भव्य इस्कॉन मंदिर बनने जा रहा है। यह नया मंदिर 70 करोड़ की लागत से 2028 तक तैयार होगा। रविवार को विकास स्वामी महाराज ने पटेल नगर में इसका भूमि पूजन किया। निर्माणधीन यह इस्कॉन मंदिर कई मायनों में अनोखा होगा। यह मंदिर 150000 वर्ग फुट भूमि पर निर्मित होने जा रहा है। आमजन भी मंदिर निर्माण में सहयोग कर सकते हैं।
ये कुछ होगा मंदिर में खास
समकालीन समय का यह अपनी तरह का पहला पत्थर से निर्मित मंदिर होगा, जिसमें किसी भी आरसीसी, सीमेंट या कंक्रीट का उपयोग नहीं किया जाएगा। मंदिर आने वाले, हजारों वर्षों तक अपनी महिमा बनाए रखेगा। राजस्थान के बंसी पहाड़पुर का पत्थर इस नव मंदिर के निर्माण में उपयोग होगा।
ये होगी क्षमता
मंदिर में श्री श्री गौर राधा वल्लभ विराजमान होंगे। मंदिर परिसर में दो सत्संग कक्ष जिसमें 2000 से अधिक भक्त एक साथ बैठ कर कीर्तन तथा सत्संग कर सकेंगे। प्रसादम कक्ष जहां 1000 भक्त एक साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण कर सकेंगे। 150 ब्रह्मचारी रहने के क्षमता युक्त ब्रह्मचारी आश्रम। 100000 भक्तों लिए प्रसाद बनाने के क्षमता युक्त। 6000 वर्ग फुट में फैला एक अत्याधुनिक रसोईघर रहेगा। इसके अतिरिक्त वैदिक प्रदर्शनी के लिए ऑडिटोरियम, अतिथि कक्ष और एक गोविंदा रेस्टोरेंट भी रहेगा।
मंदिर का उद्देश्य
मंदिर का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को भगवद गीता और श्रीमद्भागवतम के उपदेश सिखाना होगा, जिससे वे अपने जीवन में शुद्ध कृष्ण भक्ति का अनुशीलन कर सकेंगे और फल स्वरूप उनका जीवन शांति पूर्ण, अर्थपूर्ण और अपराध रहित रहेगा। जो एक आदर्श समाज तथा देश के परिचालन के लिए अत्यावश्यक है।
समकालीन समय का यह अपनी तरह का पहला पत्थर से निर्मित मंदिर होगा, जिसमें किसी भी आरसीसी, सीमेंट या कंक्रीट का उपयोग नहीं किया जाएगा। मंदिर आने वाले, हजारों वर्षों तक अपनी महिमा बनाए रखेगा। राजस्थान के बंसी पहाड़पुर का पत्थर इस नव मंदिर के निर्माण में उपयोग होगा।
ये होगी क्षमता
मंदिर में श्री श्री गौर राधा वल्लभ विराजमान होंगे। मंदिर परिसर में दो सत्संग कक्ष जिसमें 2000 से अधिक भक्त एक साथ बैठ कर कीर्तन तथा सत्संग कर सकेंगे। प्रसादम कक्ष जहां 1000 भक्त एक साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण कर सकेंगे। 150 ब्रह्मचारी रहने के क्षमता युक्त ब्रह्मचारी आश्रम। 100000 भक्तों लिए प्रसाद बनाने के क्षमता युक्त। 6000 वर्ग फुट में फैला एक अत्याधुनिक रसोईघर रहेगा। इसके अतिरिक्त वैदिक प्रदर्शनी के लिए ऑडिटोरियम, अतिथि कक्ष और एक गोविंदा रेस्टोरेंट भी रहेगा।
मंदिर का उद्देश्य
मंदिर का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को भगवद गीता और श्रीमद्भागवतम के उपदेश सिखाना होगा, जिससे वे अपने जीवन में शुद्ध कृष्ण भक्ति का अनुशीलन कर सकेंगे और फल स्वरूप उनका जीवन शांति पूर्ण, अर्थपूर्ण और अपराध रहित रहेगा। जो एक आदर्श समाज तथा देश के परिचालन के लिए अत्यावश्यक है।