शिवपुरी - शिवपुरी शहर के प्राचीन मंदिर मां राजराजेश्वरी के दरबार में भागवत कथा का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ में हो गया हैं कथा का वाचन क्षेत्र के प्रसिद्ध कथा वाचक श्री बृजभूषण जी महाराज कर रहे हैं कथा के प्रथम दिवस पर भव्य कलश यात्रा निकाली गई जिसमें की हजारों भक्तों ने भाग लेकर के कलश यात्रा का आनंद लिया कलश यात्रा कस्टम गेट से प्रारंभ करके शहर के विभिन्न मार्गो से होते हुए श्री राजेश्वरी माता के मंदिर पर पहुंची जहां पर पहुंच करके भागवत कथा का शुभारंभ किया गया कथा के प्रथम दिवस पर आचार्य बृजभूषण महाराज ने बताया की भक्ति के बस में होकर के ही भगवान भक्तों के घर आ जाते है भगवान कभी किसी में ऊंच नीच का भाव नहीं देखते भगवान तो सिर्फ मनुष्य के मन को देखते हैं जिसके मन मैं सुंदर भाव है भगवान उसके सिर्फ बुलाने पर ही दौड़े चले जाते हैं इसलिए समस्त कर्मों में भक्ति को ही श्रेष्ठ बताया गया है इसलिए अपने जीवन में मनुष्य को भक्ति अवश्य करना चाहिए आचार्य जी ने कथा प्रसंग में धुंधकारी का चरित्र एवं गोकर्ण का चरित्र श्रवण कराया और बताया कि माता-पिता को चाहिए कि अपने बालकों को संस्कार अवश्य दें जिनके जीवन में संस्कार नहीं होते हैं वह संतान बिगड़ जाती है और उसका प्रतिफल माता-पिता को आगे चलकर के भोगना पड़ता है धुंधकारी भले ही ब्राह्मण परिवार में जन्म लिया परंतु संस्कार ना मिलने के कारण वह तो नर्क में गया ही अपने पितरों को भी उसने नर्क में डाला इसलिए अपनी संतान को श्रेष्ठ बनाना चाहिए जिससे कि वह स्वयं भी अपना उद्धार करें और अपने परिवार का भी उद्धार करें कथा के अंत में समस्त आयोजको द्वारा महाराज जी का सम्मान किया गया एवं यह आयोजन राजेश्वरी मित्र मंडल द्वारा आयोजित किया जा रहा है इस कथा का आयोजन 4 सितंबर से 10 सितंबर तक किया जाएगा कथा का समय दोपहर 2:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक रखा गया।
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