कोलारस - सोमवार को हरतालिका तीज के साथ भगवान भोले नाथ एवं मां पार्वती जी की पूजा का पर्व महिलाऐं वृत उपवास के साथ भगवान भोले नाथ जी की मड़िया बनाकर रात भर कीर्तन के साथ हरतालिका तीज का पर्व मनाती है हरतालिका तीज के अगले दिन मंगलवार को वुद्धी के दाता भगवान श्री गणेश जी का जन्मोत्सव 10 दिन तक मनाया जायेगा मंगलवार को शासकीय अवकाश भी शासन द्वारा घोषित है उसके बाद अगले दिन बुधवार को ऋषी पंचमी का पर्व महिलाऐं वृत उपवास के साथ ऋषिओं की पूजा अर्चना के साथ मनाती है उसके अगले दिन गुरूवार को मोहर छट का पर्व पड़ता है इस दिन विवाह वाले घरों में पहली बार मोहर छट होने पर नदी तालावों में मोहर का विसर्जन किया जाता है मोहर छट के बाद शुक्रवार को सन्तान सप्तमी का वृत महिलाऐं अपने पुत्र की सुख सम्रधी, लम्बी आयु के लिये वृत उपवास रखती है उसके बाद शनिवार को भगवान श्रीकृष्ण जी के ह्रदय स्वरूपा राधा जी का प्रकट उत्सव कोलारस नगर में चल समारोह के साथ बड़े ही धूम धाम के रूप में मनाया जायेगा, मंगलवार को एकादशी वृत एवं गुरूवार 28 सितम्बर को अन्नत चतुर्दशी के साथ वृत उपवास पर 29 सितम्बर से प्रारम्भ होने वाले 16 दिवसीय कनागतों में व्रेक के बाद आगामी 15 अक्टूम्बर से पुनः नवरात्रि के रूप में 09 दिवसीय मां दुर्गा के 09 स्वरूपों की उपासना एवं वृत उपवास प्रारम्भ होंगे।
मंगलवार को गणेश चतुर्थी यानि की भगवान श्री गणेश जी के प्रकट उत्सव को वैष्णव सम्प्रदाय के लोग भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमा रखकर 10 दिन तक भगवान श्री गणेश जी की पूजा अर्चना करते है इसी दिन कोलारस के ग्राम लेवा में पीलिया जैसी घातक बीमारी के बंध हीरामन बाबा के दरबार में पहुंचकर काटे जाते है साथ ही बाबा पर नारियल एवं परिक्रमा भी लगाई जाती है इसके अगले दिन उन्हाई ग्राम में मियादी बुखार के बंध एवं प्रसाद चड़ाकर मियादी बुखार पर बाबा के आशीर्वाद से ग्राम उन्हाई में झाड़ा लगाने से रोग पर रोक लग जाती है कोलारस के ही भव्य प्राचीन भैरव बाबा की विशाल प्रतिमा पर पंचमी एवं छटमी के दिन मेले का आयोजन होता है इस दिन कोलारस विधानसभा सहित दूर - दूर से किसान भाई दूध-दही, मिठाई एवं नमकीन का भोग लगाकर भैरव बाबा से अच्छी फसल एवं स्वस्थ्य मवेशी की कामना से आते है और यहां आने से उनकी मनोकामना भैरव बाबा वर्ष भर पूरी करते है ऐसी भी मान्यता है कि जब भी कोलारस विधानसभा में फसल के लिये वारिश के मौसम में पानी की कमी आती है और भैरव बाबा पर अखण्ड कीर्तन वारिश के लिये जब भी ग्रामीण क्षेत्र के लोग करते है कहीं हो न हो किन्तु भैरव बाबा अपने क्षेत्र में सूखा के बीच भी वारिश कराते है ऐसी भी मान्यता एवं परम्परा कोलारस के राई में वर्षो से चली आ रही है।