कोलारस विधानसभा का चुनाव पार्टी के आधार पर नहीं बल्कि व्यक्ति के चेहरे पर करेगा जीत-हार निर्भर - Kolaras



कोलारस - विधानसभा चुनावों को लेकर प्रशासन, संभावित उम्मीदवार से लेकर जनता के बीच कांग्रेस एवं भाजपा दोनो ही दलों के उम्मीदवार के नामों को लेकर चर्चाऐं इनदिनों जगह जगह सुनी जा सकती है अभी तक जहां कांग्रेस टूटने के बाद कमजोर नजर आ रही थी वहीं एक के बाद एक भाजपा नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने के बाद कमजोर कांग्रेस अब कोलारस विधानसभा में मजबूत और एक जुट दिखाई देने लगी है वहीं भाजपा की बात करे तो भाजपा में कार्यकर्ताओं की कमी नहीं है किन्तु भाजपा की सबसे बड़ी कमजोरी गुटबाजी है जिसके चलते कोलारस विधानसभा में कांग्रेस एवं भाजपा समान नजर आने लगी है भाजपा में टिकिट को लेकर करीब एक दर्जन से अधिक उम्मीदवार टिकिट की उम्मीद पाले हुये है तो दूसरी ओर कांग्रेस में 2-3 नामों के पैनल पर ही विचार मंथन चल रहा है दोनो ही दलों में टिकिट तय होने के बाद कांग्रेस से ज्यादा भाजपा को भितरघात का डर सता रहा है जिसके चलते भाजपा कोलारस विधानसभा में पिछोर की तरह जल्दवाजी में उम्मीदवार का चयन न करते हुये प्रत्याशी की घोषणा में भाजपा बिलम्ब कर रही है।

कोलारस का चुनाव पार्टी आधार पर नहीं प्रत्याशी के चेहरे पर करेगा निर्भर - एक के बाद एक सैंकड़ों भाजपाईयों के पुनः कांग्रेस में वापसी के बाद कांग्रेस मजबूर से मजबूत स्थिति में दिखाई देने लगी है जबकि भाजपा में टूटन के साथ-साथ उम्मीदवार के चयन के बाद और भी कार्यकर्ताओं के टूटने के साथ भितरघात का भय सता रहा है जिसके चलते भाजपा भी कांग्रेस के प्रत्याशी की घोषणा के बाद उम्मीदवार का चयन करेगी कांग्रेस एवं भाजपा दोनो ही दलों में जैन ब्रदर्श टिकिट की मांग कर रहे है जबकि अलावदी एवं खतौरा वाले नातेदार यादव बंधु भी दोनो ही दलों में टिकिट की मांग कर रहे है भाजपा एवं कांग्रेस दोनो इसी मंधन में जुटी हुई है कहीं ऐसा न हो कि एक ही समाज के व्यक्ति दोनो ही दलों से टिकिट लेकर आमने सामने आ जाये जिसके चलते कांग्रेस एवं भाजपा दोनो ही दलों में भले ही जैन ब्रदर्श एवं यादव नातेदार टिकिट की मांग पर अड़े हो किन्तु एक दल जिस समाज को टिकिट देगा तो दूसरा दल दूसरे समाज अथवा नये प्रत्याशी को उम्मीदवार बना सकता है इस तरह की खबरें राजनैतिक गलियारों में कोलारस विधानसभा चुनावों को लेकर प्रत्याशी चयन के विषय में कोलारस से लेकर भोपाल तक दोनो ही दलों में मंथन का दौर चल रहा है देखना है कि दोनो ही दलों में मंथन के बाद निकलने वाले मख्खन रूपी क्रीम को यादव अथवा जैन ब्रदर्श के खाते में आती है अथवा नये उम्मीदवार के खाते में। 

 

मचेवा संगठन कर चुका है नये उम्मीदवार को समर्थन देने की घोषणा - कोलारस विधानसभा क्षेत्र में भाजपा, कांग्रेस एवं अन्य दलों से असंतुष्ट लोगो से लेकर प्रभाव शाली एवं सभी दलों के कार्यकर्ताओं को मिलाकर करीब एक हजार कार्यकर्ता मचेवा संगठन में शामिल है मचेवा संगठन विधानसभा चुनावों को लेकर लगातार अलग-अलग गांवों में बैठके कर रहा है और कांग्रेस एवं भाजपा दोनो ही दलों से मचेवा संगठन मांग कर रहा है कि दलाली एवं भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने वाले तथा नये चेहरे को जो दल अपना उम्मीदवार बनायेगा मचेवा संगठन उस प्रत्याशी के साथ रहेगा मचेवा दल कोलारस विधानसभा के प्रत्येक चुनाव में सक्रिय रहा है भले ही मचेवा दल में असंतुष्ट एवं यादव कार्यकर्ताओं की संख्या ज्यादा हो किन्तु यह संगठन समाज विशेष के लिये नहीं बल्कि प्रत्याशी के कार्य व्यवहार के साथ रहा है और इस बार भी यह संगठन नये प्रत्याशी की मांग पर अड़ा है मतलब साफ है कि जो दल नये उम्मीदार को उतारेगा यह संगठन उसके साथ आगामी विधानसभा के चुनावों में रह सकता है।


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