कोलारस - सकल अनाज दलहन तिलहन व्यापारी महासंघ समिती ने पिछले लंबे समय से लंबित चल रही मांगों पर सुनवाई नहीं किए जाने के चलते उज्जैन में एक बैठक का आयोजन किया इस बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश सरकार की उदासीनता एवं मंडी बोर्ड की नियंत्रण व्यवस्था से परेशान होकर महासंघ द्वारा प्रेषित ज्ञापन के बिंदुओं के समाधान तक 4 सितम्बर से प्रदेश भर की मंडियों में व्यापार पूरी तरह से बंद रहेगा इस संबंध में क्षेत्रीय मंडियों के व्यापारियों ने भी मंउी सचिव को ज्ञापन देकर सूचित कर दिया है।
ये हैं व्यापारियों की मांगें -
मंडी समितियों में पूर्व से आबंटित भूमि एवं संवरचना आवंटन नियम 2009 लागू नहीं किया जाए कलेक्टर गाईड लाईन से लीज दरों का निर्धारण नहीं रखकर नामिनल दरें रखी जाएं मंडी फीस दर एक प्रतिशत की जाए निराश्रित शुल्क समाप्त किया जावे मंडी अधिनियम की धारा 19 (2), धारा 19 (4), धारा 46 (ड.) एवं धारा 46 (च) में संशोधन अथवा विलोपन किया जाए लायसेंस प्रतिभूति की अनिवार्यता हटाई जाए वाणिज्यिक संव्यवहार की पृथक अनुज्ञप्ति व्यवस्था एवं निर्धारित 25 हजार रुपये की फीस वृद्धि समाप्त कर पूर्व फीस 5 हजार रुपये बहाल की जाए मंडी समितियों को धारा 17 (2) (चौदह) एवं 30 में प्रदत्त अधिकार, शक्तियां यथावत रखी जाएं लेखा सत्यापन, पुनः लेखा सत्यापन कार्यवाही समाप्त की जाए कृषक खरीदी प्रतिभूति बढ़ाने के दबाव पर रोक लगायी जाए विक्रेता की जोखिम पेटे नवीन प्रतिभूति जमा कराये जाने पर जमा पुरानी प्रतिभूति एक निर्धारित अवधि में वापस की जाना सुनिश्चित कराया जाए धारा 23 अंतर्गत गाड़ियों को रोकने की शक्ति प्रावधान की परिधि के बाहर जाकर मंडी बोर्ड कार्यालय स्तर से गठित किए जाने वाले जांच दलों पर रोक लगायी जाए।