मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने भले ही अपनी सूची आचार संहिता लगने के पहले जारी कर दी, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशियों के चयन को लेकर कोई जल्दबाजी नहीं दिखा रही है। हालांकि कांग्रेस ने 100 से ज्यादा सीटों पर अपने प्रत्याशी तय कर लिए है। पांच अक्टूबर के बाद कभी भी कांग्रेस की पहली सूची आ सकती हैं।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव नवंबर में प्रस्तावित है अक्टूबर माह के दूसरे सप्ताह में आचार संहिता कभी भी लग सकती है इससे पहले भाजपा ने अपने 79 प्रत्याशी घोषित कर दिए है। अब कांग्रेस की सूची का इंतजार है पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस ने 100 से ज्यादा सीटों पर नाम तय कर लिए है। पांच अक्टूबर के बाद पहली सूची कभी भी आ सकती है। दरअसल कांग्रेस पूरे प्रदेश में सात जन आक्रोश यात्रा निकाल रही है। इसके समाप्त होने से पहले कांग्रेस यदि सूची जारी करती है तो पार्टी में टिकट नहीं मिलने से नाराजगी और विरोध सामने आ सकता है। ऐसे में पार्टी के पांच अक्टूबर को जन आक्रोश यात्रा समाप्त होने के बाद कभी भी सूची जारी करने की संभावना है।
100 से ज्यादा प्रत्याशी तय
कांग्रेस ने अपनी 100 से ज्यादा सीटों पर प्रत्याशियों का चयन कर लिया है। दिल्ली में 13 और 14 सितंबर को कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में नामों पर मुहर लग गई। इसमें 60 से अधिक वर्तमान विधायक है। बाकी नए चेहरे शामिल है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अधिकतर विधायकों को टिकट दे रही है। सर्वे में जिन विधायकों की स्थिति ज्यादा खराब सामने आई है, उनका ही टिकट काटा जाएगा।
जिताऊ उम्मीदवारों को ही टिकट
कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष भंवर जितेंद्र सिंह समेत अन्य पदाधिकारी साफ कर चुके है कि पार्टी इस पर जिताऊ उम्मीदवारों को ही टिकट देंगी। इसके लिए पार्टी काफी मेहनत कर रही है। क्षेत्र में स्थानीय कार्यकर्ताओं के फीडबैक के साथ ही पार्टी ने अलग-अलग सर्वे से दावेदारों की रिपोर्ट तैयार करवाई।
2018 में कांग्रेस की बनी थी सरकार
पिछली बार मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी। कांग्रेस 114 और भाजपा 109 सीट जीती थी। हालांकि 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हुए। जिसके बाद कांग्रेस की सरकार गिर गई। फिर भाजपा ने सरकार बना ली थी।