कोलारस - अकाल मृत्यु वो मरे जो कर्म करें चांडाल का, काल भी उसका क्या करें जो भक्त हो महाकाल का ।।
श्री हनुमान जी महाराज के आर्शीवाद से कोलारस नगर में प्रथम बार जगतपुर हनुमान मंदिर पर सवा लाख पार्थिव शिवलिंग निर्माण का भव्य आयोजन हो रहा है अनुष्ठान को सम्पन्न करा रहे आचार्य हर्षवर्धन महाराज ने पार्थिव शिवलिंग की महिमा को
बताया की शिव जी की अराधना के लिए श्रावण का महीना उत्तम है लेकिन उसमें अधिक पुरुषोत्तम मास है जिसे हम हरिहर मास भी कह सकते है हरि अर्थात् विष्णु जी एवं हर अर्थात् शिव जी और ये दोनों का मिलन एक ही मास में हो गया तो यह सर्वोत्तम हो गया इसका महत्व और भी बड़ गया।
इस दौरान पार्थिव लिंग बनाकर शिव पूजन करने का विशेष पुण्य मिलता है। शिव पुराण में पार्थिव शिवलिंग पूजा का महत्व बताया गया है। कलयुग में कूष्मांड ऋषि के पुत्र मंडप ने पार्थिव पूजन प्रारम्भ किया था। शिव महापुराण के अनुसार पार्थिव पूजन से धन, धान्य, आरोग्य और पुत्र प्राप्ति होती है। वहीं मानसिक और शारीरिक कष्टों से भी मुक्ति मिल जाती है।
पार्थिव पूजा का महत्व
पार्थिव पूजन से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है। शिवजी की अराधना के लिए पार्थिव पूजन सभी लोग कर सकते हैं, फिर चाहे वह पुरुष हो या फिर महिला। यह सभी जानते हैं कि शिव कल्याणकारी हैं। जो पार्थिव शिवलिंग बनाकर विधिवत पूजन अर्चना करता है, वह दस हजार कल्प तक स्वर्ग में निवास करता है। शिवपुराण में लिखा है कि पार्थिव पूजन सभी दुःखों को दूर करके सभी मनोकामनाएं पूर्ण करता है। यदि प्रति दिन पार्थिव पूजन किया जाए तो इस लोक तथा परलोक में भी अखण्ड शिव भक्ति मिलती है। जगतपुर हनुमान मंदिर पर चल रहे अनुष्ठान में सभी भक्त बड़चढ़ कर भाग ले रहे हैं। जिसमें महिलाओं का योगदान ज्यादा रहा हमारा लक्ष्य पांच दिन में सवा लाख शिवलिंग बनाने का था। लेकिन भक्तों के उत्साह से आज तीसरे दिन तक ही 95000 शिवलिंग बनकर तीसरे दिन का अभिषेक सानन्द सम्पन्न हुआ।
उक्त कार्यक्रम का आयोजन 8 अगस्त से 12 तक अभिषेक तथा 13 अगस्त को भंडारे के साथ होगा समापन।
Tags
Kolaras