50 से अधिक विभागो का बोझ और 25 साल से वेतन वृद्धि न होने से पटवारियों को हड़ताल - Kolaras



/ राजस्व विभाग ने पूरी प्रक्रिया की अपग्रेड लेकिन पटवारियों को नही दी  कोई ट्रेनिंग

/स्वामित्व योजना ग्राम पंचायत का कार्य किंतु पटवारियों को बोझ उठाना पड़ा


विवेक व्‍यास कोलारस - शिवराज सिंह चौहान ने शुरुवात में सत्ता संभालने के साथ ही 15 साल पहले पटवारियों की वेतन वृद्धि को लेकर भरोसा दिया था आज 15 साल से अधिक बीत जाने पर भी पटवारी अपनी बिगड़ती  आर्थिक स्थिति को रो रहा है।

आज भी पटवारी अपनी 25 साल पहले को पे ग्रेड 2100 पर ही दिन रात कार्य कर रहा है। पटवारी अमला 24 घंटे काम करता है रविवार को भी उसे अवकाश नहीं रहता राजस्व विभाग नई नई तकनीकी लागू कर विना कोई ट्रेनिंग के उक्त अमले से कार्य करा रहा है। राजस्व विभाग में समय समय पर काम करने के सॉफ्टवेयर में परिवर्तन होता रहता है और पटवारी समुदाय को इससे नई नई परेशानी पैदा होती है।

हालत ये है कि राजस्व विभाग के अतिरिक्त पटवारी को 50 से अधिक विभागो का कार्य प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से करना पड़ रहा है जो काम कोई भी विभाग नही करता वो पटवारियों को सौप दिया जाता है और वेतन मान बड़ाने के नाम पर उसकी हालत हायर सेकंडरी पास टीचर , डाकिया,सचिव,एएनएम से भी कम है । जिसको लेकर आज 28 अगस्त रविवार को कोलारस के सभी पटवारियों ने अपने  बस्ते जमा कर नायब तहसीलदार लज्जाराम राजोरिया को एक ज्ञापन अनिश्चितकालीन हड़ताल का सौप।


उच्च तकनीकी सीपीसीटी और स्नातक पटवारी की दुर्दशा अन्य कर्मचारियों से बुरी....

यहां बताना जरूरी होगा कि जिन पंचायत सचिवों की नियुक्ति  ग्राम पंचायत के प्रस्ताव पर हुई थी, जिन शिक्षकों की नियुक्ति हाइयर सेकेंड्री की मार्कशीट से हुई थी , डाकिया,अस्पताल की एएनएम इन सब अदने कर्मचारियों का वेतन मान पटवारी अमले से अधिक है किंतु सामान्य प्रशासन विभाग ने विगत 25 साल से पटवारियों की न वेतन वृद्धि की न पदोनत्ती ।


स्वामित्व में काम किया पटवारी अमले ने और रिवार्ड मिले कलेक्टरों को....

मध्यप्रदेश शासन स्वामित्व योजना को लेकर काफी उत्साहित था। उक्त कार्य वैसे तो ग्राम पंचायत का था किंतु तयशुदा समय पर पंचायत अमले ने इस कार्य को करने में अपनी  असमर्थता जता दी उसके बाद एक और बोझ पटवारियों के कंधो पर आ गाय। पटवारियों को इसकी ट्रेनिंग भी नही दो गई। जिसके चलते पटवारियों ने खुद के खर्चे से इस कार्य को कराया। न तो उन्हें साधन दिए गए न कोई सुविधा। स्वामित्व योजना में हर ग्राम के कार्य के लिए 12 हजार रूपए पटवारी को दिए जाने का आदेश था किंतु किसी पटवारी को ये राशि ग्राम पंचायत ने नही दी।

जिसके चलते वेतन भी कम, काम का बोझ भी अधिक और आर्थिक बोझ भी पटवारी को झेलना पड़ा इस काम में पटवारियों को कुशलता के मध्य प्रदेश के 19 जिलाधिकारियों को अवार्ड मिला किंतु किसी ने पटवारी के कार्य को नही सराहा।

इनका कहना है

उक्त हड़ताल को लेकर पटवारी संघ के ब्लॉक अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा का कहना है कि वेतन वृद्धि और अन्य मांगों को लेकर मध्य प्रदेश पटवारी संघ के निर्देशन में कोलारस के सभी पटवारी कलम बंद हड़ताल पर है जिसकी जानकारी ज्ञापन के रूप में हमने प्रशासन को दे दी है पटवारी संदीप श्रीवास्तव का कहना है कि पटवारी अमले को 25 साल से वेतन वृद्धि के नाम पर केवल आश्वासन दिया जा रहा है जबकि हम पूरी लगन और मेहनत से काम कर रहे है हमारी शासन प्रशासन से मांग है कि हमारी वेतन बड़ाई जाए।

सदर पटवारी धीरेंद्र धाकड़ ने कहा कि उच्च शिक्षा प्राप्त पटवारियों की वेतन अन्य छोटे कर्मचारियों की तुलना में बहुत कम है इस शोषण के चलते आज से हम सभी कलम बंद हड़ताल पर जा रहे है।


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